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डा. अविनाश को मिला बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी का एडिशनल चार्ज, राज्यपाल ने रेगुलर वाइस चांसलर की नियुक्ति तक सौंपा कार्यभार

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा डा. अविनाश कुमार को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का एडिशनल चार्ज सौंपा गया है। यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर का पद रिक्त रहने से रोजमर्रा के कार्य व व्यवस्थागत कार्य ठप्प से हो गए थे।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 01:51 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 01:51 PM (IST)
डा. अविनाश को मिला बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी का एडिशनल चार्ज, राज्यपाल ने रेगुलर वाइस चांसलर की नियुक्ति तक सौंपा कार्यभार
डा.अविनाश को मिला बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी का एडिशनल चार्ज सौंपा गया है।

जागरण संवाददाता, फरीदकोट। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर के इस्तीफे से रिक्त हुए वाइस चांसलर के पद पर पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा डा. अविनाश कुमार को वाइस चांसलर का एडिशनल चार्ज सौंपा है। डा. अविनाश कुमार पंजाब सरकार के मेडिकल खोज विभाग में डीआरएमई (डायरेक्टर रिसर्च मेडिकल एजुकेशन) के पद पर कार्यरत है। राज्यपाल द्वारा डा. अविनाश कुमार को वाइस चांसलर का यह चार्ज रेगुलर वाइस चांसलर की नियुक्ति तक दिया है, ताकि यूनिवर्सिटी का सामान्य कामकाज चलाया जा सके।

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यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर का पद रिक्त रहने से रोजमर्रा के कार्य व व्यवस्थागत कार्य ठप्प से हो गए थे। वाइस चांसलर की बिना स्वीकृति के न तो किसी कालेज की सीट शिफ्टिंग हो सकती है, और न ही किसी प्रकार की परीक्षा व परिणाम घोषित होने के साथ दूसरे अन्य व्यवस्थागत कार्य हो सकते है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ सांइस फरीदकोट के वाइस चांसलर रहे डा. राज बहादुर द्वारा 29 जुलाई को सेहत मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा के व्यवहार से आहत होकर इस्तीफा दे दिया गया था।

इस्तीफे को 12 जुलाई को मंजूर कर प्रदेश सरकार द्वारा अगली कार्रवाई के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था, जिस पर राज्यपाल द्वारा 13 जुलाई को डा. अविनाश कुमार को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का कार्यभार सौंपा गया। डा. अविनाश कुमार को भले ही अस्थाई रुप से यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का कार्यभार मिला है, परंतु उनके लिए यूनिवर्सिटी के मौजूदा हालात को देखते वाइस चांसलर का कार्य चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि बड़ी संख्या में यहां के अस्थाई कर्मियों द्वारा रेगुलर किए जाने को लेकर संघर्ष किया जा रहा है, इसके अलावा मेडिकल कालेज अस्पताल की बदहाली पर भी लोगों की निगाह है, ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि कैसे डा. अविनाश कुमार के माध्यम से सरकार लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरेगी।


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