झारखंड के RIMS में मरीज देखने को लेकर डॉक्टर और स्वजनों में मारपीट, नाराज डॉक्टरों ने किया काम बंद
झारखंड में शनिवार की देर शाम रिम्स के मेडिसीन वार्ड के डा. अजीत डुंगडुंग के वार्ड में डॉक्टर और मरीज के स्वजनों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। डॉक्टर के द्वारा मरीज को देखने को लेकर यह घटना घटित हुई है।
जागरण संवाददाता, रांची: झारखंड में शनिवार की देर शाम रिम्स के मेडिसीन वार्ड के डा. अजीत डुंगडुंग के वार्ड में डॉक्टर और मरीज के स्वजनों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है।
डॉक्टर के द्वारा मरीज को देखने को लेकर यह घटना घटित हुई है। बताया जा रहा है कि शाम करीब 7:30 बजे मेडिसीन वार्ड में डॉ किसलय, डा वरुण और डा नितिन की ड्यूटी लगी थी और सभी मरीजों की जांच कर रहे थे।
जरा सी बात पर बढ़ा विवाद
इसी दौरान एक मरीज अंकित कुमार सिंह जो कि पिछले दस दिनों से जीबी सिंड्रोम से पीड़ित था, उसके स्वजनों ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से मरीज देखने को कहा। जिस पर डॉक्टर ने कहा कि आप शांत रहें मैं वहां पहुंच रहा हूं, लेकिन इतने में मरीज के साथ मौजूद लोगों ने अपना आपा खो दिया।
लोग डॉक्टर को भला-बुरा कहने लगे और धक्कमुक्की करने लगे, जिसके बाद डॉ वरुण ने भी मरीज के स्वजनों को वहां से भाग जाने को कहा। इसके बाद मामला मारपीट तक पहुंच गया और कुछ देर के लिए पूरे वार्ड में हो-हंगामा होने लगा।
दोनों पक्षों से मारपीट होने लगी। वहीं वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड सिर्फ मूकदर्शक की भूमिका में ही नजर आए। मामले को शांत कराने के बजाए वे मारपीट देखते रहे। मामला इतना बढ़ गया कि मरीज के साथ आए लोग बरियातु थाने में मामला दर्ज कराने पहुंच गए।
यही नहीं इलाज कराने आए मरीज और उनके साथ आए लोग इस घटना के बाद फरार हो गए। इस घटना के बाद माहौल लगातार बिगड़ता चला गया और सभी जूनियर डॉक्टर इस घटना के बाद हड़ताल पर चले गए।
वहीं इस हंगामे के कारण करीब दो घंटे तक इमरजेंसी में डॉक्टरी सेवाएं बाधित हो गईं। वहां एडमिट मरीज और उनके स्वजन काफी परेशान हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की पड़ताल में जुट गई।
दो घंटे तक बाधित रही डॉक्टरी सेवाएं
वहीं दूसरी ओर जेडीए अध्यक्ष डा जयदीप ने अन्य डॉक्टरों के साथ मोर्चा संभाल लिया और रिम्स में आए दिन होने वाली घटनाओं को लेकर सभी उच्च पदस्थों से वार्ता करने लगे।
डॉ जयदीप ने बताया कि मारपीट की घटना से पूर्व मरीज के साथ बाहर से आए करीब 5 से 6 लोगों ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ न सिर्फ अभद्र व्यवहार किया बल्कि मारपीट भी की।
घटना की सूचना मिलने के बाद हॉस्टल से भी कई अन्य डॉक्टर्स मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद सभी डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए।
करीब दो घंटे तक डॉक्टरी सेवाएं बाधित रहने के बाद डीएमएस डा शैलेश त्रिपाठी, एमएस डा हीरेंद्र बिरुआ, डा निसित एक्का समेत अन्य सीनियर पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और जूनियर डाक्टरों को शांत कराने का प्रयास किया। इसके बाद लंबी वार्ता के बाद जूनियर डाक्टर इमरजेंसी समेत अन्य वार्डों में ड्यूटी पर लौटे।
सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल
मारपीट की इस घटना के बाद रिम्स में सुरक्षा व्यवस्था की एकबार फिर पोल खुल गई है। जहां सुरक्षा कर्मियों को तैनात रहना चाहिए वहां न होकर अन्य जगहों पर उनकी तैनाती की जाती है।
वहीं इमरजेंसी जैसे वार्ड में डॉक्टरों के साथ अक्सर मरीज व उनके स्वजनों के साथ नोंकझोंक की घटना होते रहती हैं, वैसी जगहों पर एकाध सुरक्षा कर्मियों को ही तैनात किया गया था।
लिहाजा, जूनियर डॉक्टरों ने इस मामले को लेकर भी उच्च पदस्थों से अपनी शिकायत दर्ज कराई। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि इमरजेंसी जैसे वार्ड में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था का न होना रिम्स प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली को दर्शाता है।
संसाधनों का दिखा अभाव
रिम्स में संसाधनों का नितांत अभाव देखा गया। रिम्स जैसे अस्पतालों के इमरजेंसी वार्ड में अधिकांश ऑक्सीजन पोर्ट, वेंटिलेटर मशीन, मॉनिटर खराब पड़े थे।
मरीजों का इलाज डॉक्टरी जांच के आधार पर ही की जा रही थी जबकि सिर्फ दिखावे के लिए ही मशीनें दिवारों पर टंगी थी। कहीं कहीं तो वेंटिलेटर मशीन को बांधकर रखा गया था।
वहीं मरीजों को दवाएं भी उपलब्ध नहीं थी। यहां तक कि आइवी सेट, खून रोकने की दवा और मिर्गी जैसी घातक बीमारी के इलाज के लिए बाहर से ही दवा मंगानी पड़ रही है।
जूनियर डॉक्टर्स ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था, दवा सप्लाई, संसाधनों और अटेंडेंट को बाहर रखने समेत अन्य मांगों को लेकर रिम्स के निदेशक के साथ सोमवार को बैठक की जाएगी, जिसके बाद ही आगामी दिनों की रुपरेखा तैयार की जाएगी।