आइटीबीपी वाहन दुर्घटना में बलिदान हुए पिथौरागढ़ के जवान दिनेश सिंह बोहरा का आज पहुंचेगा पार्थिव शरीर
जम्मू कश्मीर में आईटीबीपी के वाहन दुर्घटना में बलिदान हुए पिथौरागढ़ के जवान दिनेश सिंह बोहरा (Dinesh Singh Bohra) का पार्थिव शरीर गुरुवार यानी आज दिल्ली से सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर विमान से दिल्ली लाया गया था।
संवाद सहयोगी,पिथौरागढ़ : बीते दिनों जम्मू कश्मीर के पहलगाम के पास चंदनवाणी में हुए आइटीबीपी बस हादसे (ITBP vehicle accident jammu Kashmir) में पिथौरागढ़ के भुरमुनी गांव निवासी जवान दिनेश सिंह बोहरा (Dinesh Singh Bohra ) बलिदान हो गए। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचेगा।
विमान से दिल्ली लाया गया पार्थिव शरीर
आईटीबीपी (ITBP) के जवान दिनेश सिंह बोहरा का पार्थिव शरीर बुधवार को विमान से दिल्ली लाया गया, जहां से सड़क मार्ग से पिथौरागढ़ लाया जा रहा है। गुरुवार को पार्थिव शरीर गांव पहुंचने की उम्मीद है। जवान दिनेश की अंत्येष्टि सैन्य सम्मान के साथ आंवलाघाट में की जाएगी।
अमरनाथ यात्रा ड्यूटी में थे तैनात
शहीद जवान दिनेश बोहरा पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर स्थित भुरमुनी गांव के निवासी थे। आइटीबीपी की चौथी बटालियन में तैनात दिनेश वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे। अमरनाथ यात्रा में ड्यूटी के लिए जम्मू कश्मीर में तैनात थे।
आइटीपीपी ने दी बलिदान की सूचना
बीते मंगलवार सुबह जम्मू कश्मीर में हुए आइटीबीपी बस दुर्घटना में पिथौरागढ़ के दिनेश सिंह बोहरा के शहीद होने की खबर मिली लेकिन मृतक के घर का पता नहीं होने से संशय बना रहा। मंगलवार देर शाम तक शहीद के गांव का पता स्पष्ट नहीं होने से असमंजस बना रहा । देर शाम स्वजनों को देर को आइटीबीपी ने दुखद सूचना दी।
तीन साल की है एक बेटी
बलिदान दिनेश बोहरा उम्र 32 वर्ष के पिता का नाम पूरन सिंह और पत्नी का नाम बबीता बोहरा है। शहीद की एक तीन वर्षीय पुत्री है। उसके परिवार में माता, पिता, पत्नी, पुत्री और एक छोटा भाई है। दिनेश सिंह डेढ़ माह पूर्व ही अवकाश व्यतीत कर ड्यूटी पर गया था। एक साल पूर्व तक वह आइटीबीपी लोहाघाट में तैनात थे। जहां से उसका तबादल अरुणाचल हुआ था।
गांव में शोक का माहौल
ग्रामीणों ने बताया कि शाम को जवान के शहीद होने की सूचना मिली, लेकिन कहीं से भी इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी। शाम सवा आठ बजे के आसपास आइटीबीपी से जवान के शहीद होने की सूचना स्वजनों को दी गई । सूचना मिलते ही घर पर कोहराम मच गया है। पूरा गांव शोक में डूब गया है। ग्रामीण शहीद के घर पर पहुंच कर स्वजनों को संभाल रहे हैं।
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