असलियत में नहीं केवल कागज पर कम हुई ऑटो की संख्या... धनबाद के लोगों को नहीं मिला जाम से निजात
रुट कोड देकर भूल गयी पुलिस आटो रुट कोड देकर धनबाद ट्रैफिक पुलिस भूल गयी है। लगातार परिवहन अधिकारी ओम प्रकाश यादव और ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार को इसकी शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जासं, धनबाद: शहर के अंदर जाम से निपटने के लिए आटो की संख्या सीमित कर दी गयी है। शहर में ढाई हजार आटो को चलने की अनुमति है। इसके लिए उन ढाई हजार आटो को रुट कोड दिया गया है। परिवहन द्वारा दिए गए बार कोड को आटो के शीशे पर लगाकर आटो चलाना है। ताकि यह पता चल सके कि किसी आटो के पास रुट कोड है। मगर स्थिति यह बनी हुई है कि आठ हजार आटो शहर में चल रहे है। झरिया -कतरास के आटो भी शहर में ही चक्कर लगा रहे है। नियमनुसार धनबाद से झरिया, करसा, गोविंदपुर के लिए सीधी आटो नहीं मिलनी है। मगर इसके बाद भी बाहरी आटो के चलते यह संभंव हो रहा है। इसके चलते जाम की स्थिति जस की तस बनी हुई है। स्टेशन रोड, श्रमिक चौक, नया बाजार, बैंक मोड़, पुराना बाजार आदि क्षेत्र में जाम हमेशा लगी रहती है।
रुट कोड देकर भूल गयी पुलिस: आटो रुट कोड देकर धनबाद ट्रैफिक पुलिस भूल गयी है। लगातार परिवहन अधिकारी ओम प्रकाश यादव और ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार को इसकी शिकायत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आटो चालक मनमाने ढंग से मनमाने रुट पर परिचालन कर रहे है नतीजतन जाम की स्थिति बनी हुई है। वहीं इस मामले में ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार बताते है कि पुलिस जब भी ऐसे आटोचालक को पकड़ती है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। आटो को रुट कोड से ही चलाना है। मगर सच्चाई इससे इतर दिख रही है। खुलेआम बिना रुट कोड वाले आटो शहर में दौड़ रहे है।