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PGI चंडीगढ़ में इंजेक्शन से 5 मरीजों की मौत मामला, मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाएगा यूटी प्रशासन

पीजीआइ चंडीगढ़ में इंजेक्शन लगाने से 5 मरीजों की मौत मामले में अब यूटी प्रशासन मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाएगा। पीजीआइ में प्रोपोफाल इंजेक्शन की वजह से मरीजों की मौत हुई थी। जांच में इंजेक्शन के सैंपल फेल पाए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ankesh ThakurPublished: Sat, 01 Oct 2022 04:59 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 04:59 PM (IST)
PGI चंडीगढ़ में इंजेक्शन से 5 मरीजों की मौत मामला, मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाएगा यूटी प्रशासन
प्रोपोफाल इंजेक्शन के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रोपोफाल इंजेक्शन की वजह से पीजीआइ चंडीगढ़ में पांच मरीजों की मौत हुई है। क्योंकि लैब में भेजे गए प्रोपोफाल इंजेक्शन की रिपोर्ट फेल हो गई, जिससे यह साबित हो गया है कि इसी इंजेक्शन की वजह से मरीजों की मौत हुई है।

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लैब रिपोर्ट के फेल आने पर चंडीगढ़ प्रशासन ने इस इंजेक्शन की निर्माता कंपनी, डिस्ट्रिब्यूटर और होलसेलर को शोकाज नोटिस जारी किया गया। प्रोपोवेन ड्रग की निर्माता कंपनी जोकि हिमाचल प्रदेश के काला अम्ब स्थित मैसर्स निक्सी लैबोरेटरी में है। वहीं, डिस्ट्रिब्यूटर पंचकूला के सेक्टर-20 स्थित डिस्ट्रिब्यूटर बायोवेनिस क्रिटिक्योर के फर्म के नाम से स्थित है।

हरियाणा के स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर की टीम की अगर बात करें तो उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के नोटिस पर उन्होंने इस इंजेक्शन की सप्लाई और निर्माता कंपनी को मैन्यूफैक्चरिंग पर रोक लगा दी है। इसको लेकर बकायदा निर्माता कंपनी और डिस्ट्रिब्यूटर को अगले आदेश तक इस इंजेक्शन व ड्रग के बनाने और केमिस्ट स्तर पर सप्लाई पर रोक लगा दी है।

बता दें इस मामले में ड्रग्स एंड कोस्मेटिक एक्ट-1940 के तहत पीजीआइ इमरजेंसी स्थित गुप्ता मेडिकल स्टोर, सारंगपुर स्थित होलसेलर मैसर्स शिव अमृत केमिस्ट, डिस्ट्रिब्यूटर पंचकूला सेक्टर-20 स्थित मैसर्स बायोवेनिस क्रिटिक्योर और निर्माता मैसर्स निक्सी लैबोरेटरी फर्म को शोकाज नोटिस दिया जा चुका है।

 इस मामले में अब चंडीगढ़ प्रशासन, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर का कहना है कि आगे की कार्रवाई अब सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की ओर से की जाएगी।

मृतक मरीजों के परिजनों को मुआवजा दिलाया जाएगा

प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो लैब रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि इन मरीजों की मौत इंजेक्शन की वजह से हुई है। क्योंकि इंजेक्शन अपने मापदंडो पर खरा नहीं पाया गया है। ऐसे में अब इस ड्रग के निर्माता कंपनी, डिस्ट्रिब्यूटर, होलसेलर और पीजीआइ इमरजेंसी के जिस केमिस्ट शाप से यह इंजेक्शन दिए गए थे, उन सभी पर इन पांचों मृत मरीजों के परिवार के लोगों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

निर्माता कंपनी के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया को लेकर होगी कार्रवाई

सूत्रों की मानें तो सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोलर की ओर से इस इंजेक्शन की निर्माता कंपनी के लाइसेंस को रद करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके अलावा इस कंपनी के एमडी व मुख्य संचालकों के खिलाफ इस लापरवाही को ध्यान में रखते हुए ड्रग्स एंड कोस्मेटिक एक्ट के अलावा आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा।


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