CM Yogi Birthday: पर्यावरण व प्रकृति से योगी आदित्यनाथ का अटूट नाता, प्रमाण है गोरखनाथ मंदिर की हरियाली
CM Yogi Birthday मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म विश्व पर्यावरण दिवस के दिन हुआ था। नाथ परंपरा के अनुपालन में मुख्यमंत्री भले ही अपना जन्मदिन नहीं मनाते लेकिन उनके चाहने वाले इसी दिन विश्व पर्यावरण से जोड़कर उनके जन्मदिन को खास बना देते हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। यूं तो पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन इस दिवस पर गोरखपुर में दोगुणा उत्साह देखने को मिलता है। इसकी वजह इसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन होना है। मुख्यमंत्री भले ही नाथ परंपरा के अनुपालन में अपना जन्मदिन नहीं मनाते, लेकिन उनके चाहने वाले पर्यावरण दिवस से जोड़कर उनके जन्मदिन को खास बना देते हैं। पर्यावरण दिवस के दिन मुख्यमंत्री योगी का जन्म भले ही संयोग हो पर यदि उनके जीवन पर गौर करें तो प्रकृति से उनका रिश्ता अनिवार्य रूप से जुड़ता है।
देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ योगी का जन्म
पांच जून, 1972 को उनका जन्म प्राकृतिक रूप से बेहद संपन्न देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह विष्ट वन विभाग में रेंजर थे। प्राकृतिक संपदा के लिहाज से समृद्धतम देवभूमि में जन्म और पिता की वन विभाग की सर्विस की वजह से प्रकृति के प्रति उनका लगाव स्वाभाविक है। बाद में जब वह गोरखपुर आए और नाथपंथ में दीक्षित होकर गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बने, तब भी उनको प्रकृति के लिहाज से एक बेहद सुंदर माहौल मिला। 50 एकड़ में विस्तृत गोरखनाथ मंदिर परिसर की हरियाली, बीच-बीच में खूबसूरत फुलवारी, भीम सरोवर के रूप में खूबसूरत पक्का जलाशय, इसका प्रमाण है।
51वें जन्म दिन पर लगाएंगे 51 पौधे
विश्व पर्यावरण दिवस और मुख्यमंत्री के 51वें जन्मदिन के अवसर को खास बनाने के भाजपा ने विशेष तैयारी की है। इसके लिए पार्टी की ओर से सोमवार को सेंट एंड्रयूज इंटर कालेज में पौधारोपण का कार्यक्रम रखा गया है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय कालेज परिसर में 51 पौधों का रोपण करेंगे।
जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुआ सुंदरकांड का पाठ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर रविवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय की समीप स्थापित हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का पाठ किया गया।
पर्यावरण के लिए किया नवाचार
योगी ने पीठ के उत्तराधिकारी एवं बाद में पीठाधीश्वर के रूप में इस परिसर को और सजाया-संवारा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए नवाचार भी किए। करीब 400 गोवंश वाली देसी गायों की गोशाला में वर्मी कम्पोस्ट की इकाई के अलावा जल संरक्षण (वाटर हार्वेस्टिंग) के लिए बने आधुनिक टैंक (सोख्ता) का निर्माण कराया। मुख्यमंत्री बनने के बाद मंदिर में चढ़ावे के फूलों से बनने वाली अगरबत्ती की एक इकाई भी उनकी पहल पर लगी। योगी की अगुवाई में ही पहली बार ईको टूरिज्म बोर्ड का गठन हुआ। जैव विविधता से भरपूर वेटलैंड के संरक्षण के उपाय किए गए।