Chandigarh News: पढ़ाऊंगी लिखाऊंगी, फिर बहू बनाऊंगी, मां ने मांगी बेटे की 13 साल की गर्लफ्रेंड की कस्टडी
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपनी तरह का एक अलग मामला आया है जिसमें एक मां ने अपने नाबालिग बेटे की 13 साल की प्रेमिका की कस्टडी मांगी है। लड़के की मां ने कहा है कि कोर्ट लड़की को उसके साथ भेज दे।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अपनी तरह का एक अलग मामला आया है, जिसमें एक मां ने अपने नाबालिग बेटे की 13 साल की प्रेमिका की कस्टडी मांगी है। लड़के की मां ने कहा है कि कोर्ट लड़की को उसके साथ भेज दे।
वह लड़की को शिक्षा, खाना व अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। जब दोनों की उम्र विवाह के योग्य होगी तो रिश्तेदारों की मौजूदगी में उनका विवाह भी करवा देगी। हाई कोर्ट ने इस मामले के सभी तथ्यों को जानने के लिए सरकार को नोटिस जारी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
18 साल का बेटा और 13 साल कि प्रेमिका
हाई कोर्ट के जस्टिस अमरजोत भट्टी ने यह आदेश करनाल के एक गांव निवासी सरोज देवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। सरोज ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट को बताया कि उसका 18 साल का एक बेटा है, जिसकी जन्म तिथि आठ जुलाई 2004 है।
शादी करना चाहते है दोनों
वह एक लड़की से प्रेम करता है, जिसकी उम्र 13 साल कुछ महीने है। दोनों विवाह करना चाहते थे, लेकिन लड़की के घर वाले इसके खिलाफ हैं। लड़की के घर वाले उसकी मर्जी के खिलाफ उसका विवाह करना चाहते थे, जिस कारण लड़की इसी साल 30 मई को घर से भाग कर उसके लड़के के पास आ गई और उसके साथ रिलेशनशिप में रहने लगी।
मजिस्ट्रेट ने भेजा नारी निकेतन
31 मई को लड़की के घर वाले ने पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया और पुलिस लड़की को अपने साथ ले गई। उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि वह लड़के से प्रेम करती है और उसके घर रहना चाहती है, लेकिन मजिस्ट्रेट ने उसकी एक नहीं सुनी और नारी निकेतन पानीपत भेज दिया।
याची चाहती है कि लड़की उनके साथ रहे
याची नारी निकेतन में लड़की से मिलने गई थी और उसने नारी निकेतन के प्रबंधन से उसे लड़की को साथ भेजने का आग्रह किया लेकिन प्रबंधन ने कहा कि वो केवल कोर्ट के आदेश पर ही उसे भेज सकते हैं। याची ने अब हाई कोर्ट से आग्रह किया कि वो लड़की को उसके साथ भेजने का आदेश जारी करें।