Loksabha Election: टिकट एक दावेदार अनेक; सांसद किरण खेर ने बढ़ाई गतिविधि, अन्य समर्थकों की बढ़ी टेंशन
Chandigarh News लोकसभा चुनाव के टिकट के दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। वहीं शहर में नए-नए दावेदारों की भी चर्चा शुरू हो गई है। सांसद किरण खेर ने भी अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। इससे उनकी पार्टी के अन्य दावेदार और समर्थक परेशान हो गए है।
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल: लोकसभा चुनाव को अभी एक साल बचा है। लेकिन टिकट के दावेदारों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं शहर में नए-नए दावेदारों की भी चर्चा शुरू हो गई है। सांसद किरण खेर ने भी अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। वह हर दिन अधिकारियों के साथ अलग-अलग मुद्दों पर बैठक कर रही है।
विकास के कामों का भी वह उद्घाटन कर रही हैं। इससे उनकी पार्टी के अन्य दावेदार और समर्थक परेशान हो गए है जिन्होंने शहर में यह अफवाह फैलाई हुई थी कि किरण खेर अगला चुनाव नहीं लड़ेगी। लेकिन खेर की सक्रियता से ऐसा नहीं लग रहा। भाजपा में अब टिकट के दावेदारों के तौर पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और कन्हैया मितल की भी चर्चा होने लग गई है।
भाजपा में दावेदारों की फौज अन्य दलों के मुकाबले में सबसे ज्यादा है। कांग्रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने अगला चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया है कि उनकी मर्जी से ही अगला उम्मीदवार तय होगा। ऐसा कहकर उन्होंने अपने दबदबा जाहिर करते हुए अन्य दावेदारों को भी जवाब दिया है।
आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव के लिए कमर कस ली है, जिसमे प्रदीप छाबड़ा के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है। हाल ही में पूर्व संयोजक प्रेम गर्ग ने अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीमए भगवंत मान के साथ तस्वीरें खिचवाई जो कि वायरल होने पर काफी चर्चा में रही।
कभी भी पहुंच जाते हैं साहब
शिकायतें आने के बाद प्रशासन को जहां कहीं पर भी व्यवस्थाओं को सुधार करना होता है तो इसके लिए जिम्मेवारी आईएएस रूपेश कुमार को सौंपी जाती है हाल ही में आईएएस रूपेश कुमार को एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के सचिव का चार्ज दिया गया है। सचिव रूपेश कुमार अब सेक्टर-26 मंडी किसी भी जगह औचक निरीक्षण के लिए पहुंच जाते हैं। जिसकी जानकारी मार्केट कमेटी के कर्मचारियों को भी नहीं होती है।
वह दिन में तीन से चार बार मंडी में आम व्यक्ति बनकर पहुंच जा रहे हैं और समस्याओं को देखकर चले जाते हैं। यहां पर पहुंचकर समस्याओं को जानने के लिए वह आम लोगों से भी बात करते हैं। सरकारी गाड़ी पर चलने से पहले वह इसकी जानकारी अपने ड्राइवर को भी नहीं देते हैं। इसका असर भी मंडी में दिखने लग गया है। लेकिन इससे मार्केट कमेटी के कर्मचारियों की परेशानी भी जरूर बढ़ गई है क्योंकि कई कर्मचारियों की रात के समय में भी डयूटी लगा दी गई है।
वह मंडी के अंदर के अतिक्रमण को लेकर भी सख्त है। ऐसे में अवैध रेहड़ी फड़ी वालों को हटाना मार्केट कमेटी के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। मार्केट कमेटी के कर्मचारियों की तैनाती और फुर्ती बढ़ने से लोगों के साथ साथ दुकानदार भी हैरान है। गपशप करते हुए कई लोग कह रहे है कि इस तरह अगर अन्य विभाग के अधिकारी भी मुस्तैद होकर ग्राउंड पर उतर जाए तो दिक्कतें दूर हो जाएगी।
पति का किया जाए तबादला
एक सरकारी विभाग में तैनात एक सरकारी कर्मचारी की उस समय मुश्किल बढ़ गई जब देर रात के समय उसके ही आफिस में तैनात एक महिला कर्मचारी ने उसे मैसेज कर दिया। व्हाट्सअप पर दोनो के बीच हुई चैट कर्मचारी की पत्नी ने देख ली। जिसके बाद पति और पत्नी के बीच बवाल हो गया। बवाल विभाग के आला अधिकारी के पास भी पहुंच गया। पति ने अपनी पत्नी को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मानी।
पत्नी ने विभाग में पहुंचकर अधिकारी से शिकायत करते हुए पति का उस विभाग से तबादले की मांग कर दी। पत्नी ने कहा कि या तो पति का तबादला कर दिया जाए या फिर साथ काम कर रही महिला कर्मचारी को यहां से हटाया जाए। आला अधिकारी के लिए यह मुश्किल हो गई है कि वह किस आधार पर तबादला करे।
किसी तरह से पत्नी को आश्वासन देकर घर वापस भेजा गया। लेकिन मामला अब अन्य कर्मचारियों को भी पता लग गया है जिस कारण पति की काफी किरकिरी हो रही है। जबकि विभाग के अन्य कर्मचारियों में इस घटना पर खूब गपशप हो रही है। विभाग में कर्मचारियों की राजनीति काफी हावी है।
प्रशासक खुद आए आगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल की पिछले सप्ताह हुई प्रेसवार्ता काफी चर्चा रही। इस प्रेसवार्ता में बंसल ने केंद्र सरकार को शहरवासियों से टैक्स के तौर पर होने वाली कमाई और उसके बदले में मिलने वाली ग्रांट पर सवाल उठाया। जिसका जवाब देने के लिए खुद प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित आगे आए।
जबकि ऐसा होता रहा है कि विपक्ष का जवाब देने के लिए हमेशा ही भाजपा के नेता आगे आते हैं लेकिन इस बार प्रशासक खुद सामने आए और उन्होंने शालीनिता से पूरे तथ्यो के साथ बंसल को जवाब देते हुए आकड़ों के साथ इसकी जानकारी दी कि ऐसा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि शहर से होने वाली कमाई से ज्यादा चंडीगढ़ को ग्रांट मिली है। प्रशासक द्वारा दिए गए जवाब से भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के नेता खुश है।
कांग्रेस के नेता इसलिए खुश है कि आखिरकार प्रशासन को बंसल द्वारा दिए गए ब्यान को गंभीरता से लेना पड़ा। बुजुर्ग होने के बावजूद प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित काफी सक्रिय है। उनका प्रयास रहता है कि वह ज्यादा से ज्यादा बैठकों और कार्यक्रम में शामिल होकर ग्राउंड रिपोर्ट को जाने। अधिकारियों को गवर्नर हाउस बुलाने की बजाए वह खुद ही सचिवालय में हर सप्ताह अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए पहुंच जाते हैं।
भाजपा नेताओं ने भी बंसल की प्रेसवार्ता के दौरान कहे गए सिर्फ उस बात पर प्रतिक्रिया दी जिसमे बंसल ने अगला चुनाव न लड़ने की बात कहीं। भाजपा महासचिव रामवीर भट्टी ने कहा कि पवन कुमार बंसल ने पहले ही चुनाव से तौबा कर ली है। वहीं इस प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेताओं के मनोबल भी बढ़ा हुआ दिखाई दिया क्योंकि वह पार्षद तरूण मेहता और उनके पति यादविंदर मेहता को शामिल करवाने पर आम आदमी पार्टी को झटका दे पाए हैं।