शिमला, जागरण संवाददाता।  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वार्षिक बजट 2023-24 निराशाजनक व आम जनता की आशाओं के विपरीत है। आम आदमी से छलावा किया गया। यह बजट मात्र आंकड़ों का मायाजाल है।

समाज के सभी वर्गों विशेषकर मध्यम वर्ग, गरीब, युवा और किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रविधान नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता को आज भी केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव से पूर्व ‘अच्छे दिनों’ के वादे के पूर्ण होने का इंतजार है।

बजट में रोजगार सृजन की दिशा में कोई भी प्रविधान नहीं है। शहरी रोजगार का कहीं जिक्र नहीं है। किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि के अतिरिक्त कुछ नहीं है। इससे केवल किसानों पर ऋण की देनदारी का बोझ बढ़ेगा। बजट में किसानों के लिए खेती के उपकरणों और खाद में उपदान की कोई घोषणा नहीं है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार को नजर अंदाज

इसके अतिरिक्त मनरेगा में भी कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे साबित होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार को नजर अंदाज किया गया है। बजट 2023-24 में हिमाचल के विकास के लिए कुछ भी नहीं है। प्रदेश में रेल और राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए कोई प्रविधान नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस बजट में आयकर दरों में किया गया बदलाव पर्याप्त नहीं है। आम जनता को इससे ज्यादा छूट की उम्मीद थी। यह बजट केवल समृद्ध लोगों के पक्ष में है। महंगाई से परेशान मध्यम वर्ग को इससे निराशा हुई है।

कर्ज से जूझ रहे राज्यों के लिए कोई छूट नहीं

सीएम ने कहा कि कर्ज के बोझ से जूझ रहे राज्यों के लिए बजट में कोई भी विशेष छूट नहीं है। हिमाचल ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्य भी कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार को पूर्व सरकार से 75 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है।

इसके अतिरिक्त् कर्मचारियों और पेंसनर्स की 11 हजार करोड़ रुपये की देनदारी भी बकाया है। उन्होंने कहा कि बजट में छोटे पहाड़ी राज्यों के लिए जून, 2022 से समाप्त जीएसटी प्रतिपूर्ति को फिर से शुरू करने के लिए भी कुछ नहीं कहा गया है, जिसकी प्रदेश के लोगों को काफी उम्मीदें थी और न ही बजट में किसी अन्य माध्यम से वित्त पोषण की बात कही गई है।

हिमाचल के लिए बजट निराशाजनक

उन्होंने कहा कि यह बजट हिमाचल के लिए निराशाजनक रहा है। सुक्खू ने कहा कि वह हैरान हैं कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा नवंबर में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया था, इस पर डबल ईंजन सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की।

Edited By: Jagran News Network