Drug Addiction: नशे के खिलाफ केंद्र ने बदली नीति, बेहतर प्रदर्शन पर अब करेगा शत-प्रतिशत फंडिंग
राज्य सरकार सहित नशे के खिलाफ अभियान में शामिल संस्थाएं आएगी इस दायरे में हालांकि इन्हें देनी होगी अपनी पूरी कार्ययोजना- अभी तक केंद्र और राज्य दोनों की मदद से चल रहा था यह अभियान। राज्य के हिस्सा न लेने से प्रभावित हो रही थी मुहिम
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नशे के खिलाफ छिड़ी मुहिम अब राज्यों में और प्रभावी तरीके से लागू होगी। केंद्र ने इसे लेकर नीति में बड़ा बदलाव किया है। साथ ही इसे परिणाम आधारित बनाया है। जिसमें राज्य सरकारों या फिर इस क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं को शत- प्रतिशत वित्तीय मदद मुहैया कराने का प्रावधान किया है। लेकिन इसके लिए उन्हें अपने प्रदर्शन को दिखाना होगा। हालांकि इससे पहले उन्हें नशा मुक्ति को लेकर अपनी एक विस्तृत कार्ययोजना देनी होगी। जिसके आधार पर ही उन्हें मुहिम से जोड़ा जाएगा।
केंद्र सरकार ने नशा मुक्ति नीति में किया बदलाव
केंद्र ने नशा मुक्ति से जुड़ी नीति में यह अहम बदलाव उस समय किए है, जब वित्तीय मदद के बाद भी राज्यों में अभियान प्रभावी तरीके से खड़ा नहीं हो पा रहा था। हालांकि इसके पीछे कई वजहें भी है, लेकिन जो प्रमुख बात है वह इस मुहिम को लेकर राज्यों की ओर से दिलचस्पी न लेना है।
इसके चलते वह इस अभियान में पैसा खर्च करने से भी बचते रहते है। जबकि सेंट्रल फंडिंग पैटर्न के तहत राज्यों को केंद्र तभी पैसा जारी करता है, जब राज्य इसके लिए अपने हिस्से का बजट जारी कर देता है। इसके चलते राज्य कभी भी केंद्र से इसके लिए पैसे का मांग नहीं करता है और केंद्र पहली किश्त के बाद नई राशि जारी नहीं करता था।
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ऐसे में नशा मुक्ति के खिलाफ यह मुहिम ज्यादातर राज्यों में सुस्त ही पड़ती जा रही थी। राज्यों में इसे लेकर जो हलचल दिखती भी थी, वह स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से थी। जो केंद्र से सीधे वित्तीय मदद लेकर काम कर रही थी।
राज्यों को शत-प्रतिशत वित्तीय मदद देगी केन्द्र सरकार
फिलहाल केंद्र ने इस मुहिम को रफ्तार देने के लिए नीति में बदलाव कर दिया है। जिसमें अब राज्यों को कोई हिस्सा नहीं देना होगा सिर्फ उन्हें काम करके दिखाना होगा। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय राज्यों को शत-प्रतिशत वित्तीय मदद देगा।
इसके लिए उन्हें अपनी एक कार्ययोजना देनी होगी। जिसके आधार पर उनके प्रदर्शन को जांचा भी जाएगा और मदद भी दी जाएगी। इसके साथ ही केंद्र ने देश के 468 जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को खोलने की भी योजना बनाई है। जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश के 58, बिहार के 31, मध्य प्रदेश के 36, झारखंड के 23 और छत्तीसगढ़ के 28 जिले शामिल होंगे।
इन सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए केंद्र वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी। फिलहाल इसके लिए राज्यों और स्वयं सेवी संस्थाओं से 30 सितंबर तक आवेदन मांगे गए है। गौरतलब है कि नशे के खिलाफ केंद्र इस बार एक नई रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। इसके तहत ही इस मुहिम को शुरू करने से पहले देश में नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों की पहचान के लिए एम्स दिल्ली की मदद से एक सेंपल सर्वे भी कराया था।
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