फर्जी आइएमईआइ नंबर वाले हैंडसेटों का बंद होगा आयात
सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे फर्जी आइएमईआइ नंबर वाले मोबाइल हैंडसेटों का आयात दूरसंचार नियामक ट्राई के निशाने पर आ गया है। नियामक जल्दी ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को ऐसे हैंडसेटों का आयात रोकने को कहेगा। आइएमईआइ की मदद से सुरक्षा एजेंसियों को मोबाइल फोन की स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है। ट्राई
नई दिल्ली। सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे फर्जी आइएमईआइ नंबर वाले मोबाइल हैंडसेटों का आयात दूरसंचार नियामक ट्राई के निशाने पर आ गया है। नियामक जल्दी ही वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय को ऐसे हैंडसेटों का आयात रोकने को कहेगा। आइएमईआइ की मदद से सुरक्षा एजेंसियों को मोबाइल फोन की स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है।
ट्राई के एक अधिकारी ने बताया कि नियामक जल्दी ही इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय को पत्र लिखेगा। अधिकृत संस्थाओं जीएसएम एसोसिएशन (जीएसएमए) और टेलीकम्युनिकेशस इंडस्ट्री एसोसिएशन (टीआइए) से प्रमाणित हैंडसेटों के आयात को ही मंजूरी दी जानी चाहिए। दोनों संस्थाएं ही मोबाइल कंपनियों को आइएमईआइ नंबर आवंटित करती हैं। बिना आइएमईआइ नंबर वाले हैंडसेटों की बिक्री पर केंद्र सरकार नवंबर 2009 में ही रोक लगा चुकी है। मगर अधिकारियों द्वारा किए गए एक परीक्षण में चौंकाने वाले तथ्य समाने आए हैं। अधिकारियों ने पाया कि एक ही आइएमईआइ नंबर के जरिए 18,000 से ज्यादा फोन संचालित हो रहे हैं। ट्राई के मुताबिक सीडीएमए हैंडसेट में फर्जी आइएमईआइ नंबर के मामले कम हैं, लेकिन जीएसएम हैंडसेटों में इनकी संख्या काफी ज्यादा है।
हर हैंडसेट के लिए 15 अंकों का एक विशेष कोड दिया जाता है। मोबाइल से कॉल करने पर यह नंबर टेलीकॉम ऑपरेटर के नेटवर्क पर प्रदर्शित होता रहता है। नकली आइएमईआइ नंबर वाले हैंडसेट का इस्तेमाल कई आतंकी हमलों में किए जाने की बात सामने आ चुकी हैं।
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