Move to Jagran APP

चीनी उद्योग ने भी शुरू की लामबंदी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट के कुछ प्रावधानों पर खफा किसान संगठनों के रुख को भांप चीनी उद्योग संगठनों ने भी लामबंदी तेज कर दी है। उन्होंने किसान संगठनों से टकराव के बजाय रिपोर्ट के उन प्रावधानों को पहले मंजूरी देने को कहा है, जिन पर दोनों पक्ष सहमत हैं। उद्योग संगठनों की ओर से चीनी की लेवी वसूली और कोटा जारी

By Edited By: Published: Thu, 08 Nov 2012 09:08 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2012 09:34 PM (IST)
चीनी उद्योग ने भी शुरू की लामबंदी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट के कुछ प्रावधानों पर खफा किसान संगठनों के रुख को भांप चीनी उद्योग संगठनों ने भी लामबंदी तेज कर दी है। उन्होंने किसान संगठनों से टकराव के बजाय रिपोर्ट के उन प्रावधानों को पहले मंजूरी देने को कहा है, जिन पर दोनों पक्ष सहमत हैं। उद्योग संगठनों की ओर से चीनी की लेवी वसूली और कोटा जारी करने के नियमों को समाप्त करने की सिफारिश को तत्काल स्वीकार करने की मांग की गई है।

loksabha election banner

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन [इस्मा] और नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। इसमें बताया गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रंगराजन कमेटी की सिफारिशों को मंजूर करने का अनुरोध किया है। इस्मा के अध्यक्ष गौतम गोयल ने कहा कि रिपोर्ट में चीनी उद्योग के लिए चार प्रमुख सिफारिशें की गई हैं। इनमें लेवी, कोटा रिलीज प्रणाली, जूट पैकेजिंग से राहत और आयात-निर्यात की दीर्घकालिक नीति शामिल है। इन मांगों को मान लेने से उद्योग को काफी फायदा होगा।

प्रधानमंत्री के निर्देश पर गठित रंगराजन समिति की सिफारिशें पेश हो चुकी हैं। सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया आने से पहले ही गन्ना किसान संगठन और चीनी उद्योग अपनी-अपनी मांगों के समर्थन में आमने-सामने हैं। नतीजतन, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में अभी तक पेराई शुरू नहीं हो सकी है। वैसे, गोयल का कहना है कि दिवाली के बाद पेराई शुरू हो जाएगी। उससे भी हैरानी वाली बात यह है कि किसानों को यह पता नहीं है कि उनका गन्ना किस मूल्य पर खरीदा जाएगा। अभी तक किसी राज्य सरकार ने एसएपी [राज्य समर्थित मूल्य] की घोषणा नहीं की है।

शुगर कोऑपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष जयंतीलाल ने चीनी उद्योग की मुश्किलें गिनाते हुए सरकार से रंगराजन समिति के सुझावों को मान लेने का आग्रह किया। उन्होंने चीनी उद्योग को नियंत्रणमुक्त करने के लिए पूर्व में गठित अन्य समितियों की सिफारिशों के ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने का भी जिक्र किया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.