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एलपीजी सिलेंडर का कोटा बढ़ाने की जुगत शुरू

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में हुई वृद्धि को वापस लेने के बाद केंद्र सरकार आम जनता को हर वर्ष सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी में है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में रसोई गैस को एक बड़ा मुद्दा बनते देख केंद्र सरकार गुजरात चुनाव से पहले इस बारे में फैसला करने जा र

By Edited By: Published: Fri, 02 Nov 2012 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2012 09:22 PM (IST)
एलपीजी सिलेंडर का कोटा बढ़ाने की जुगत शुरू

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में हुई वृद्धि को वापस लेने के बाद केंद्र सरकार आम जनता को हर वर्ष सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की संख्या भी बढ़ाने की तैयारी में है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में रसोई गैस को एक बड़ा मुद्दा बनते देख केंद्र सरकार गुजरात चुनाव से पहले इस बारे में फैसला करने जा रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार राज्य सरकारों से भी यह आग्रह करेगी कि वे रसोई गैस और केरोसीन सब्सिडी का कुछ बोझ अपने स्तर पर वहन करें।

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सूत्रों का कहना है कि हर वर्ष आम ग्राहकों को मिलने वाले सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की संख्या बढ़ाने पर पिछले दिनों सरकार के भीतर उच्च स्तर पर चर्चा हुई थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह सहमति बनी थी कि पेट्रोलियम मंत्रालय इस बारे में अंतिम फैसला करे कि हर परिवार को सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की मौजूदा निर्धारित संख्या छह को बढ़ाकर कितना किया जा सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय में नए मंत्री वीरप्पा मोइली के आने के बाद इस बारे में गुणा-भाग शुरू कर दिया गया है।

मोइली के निर्देश पर ही गुरुवार को लगभग आधी रात को तेल कंपनियों ने बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमत वापस ले ली थी। मोइली चाहते हैं कि सब्सिडी वाले रसोई गैस का कोटा कम से कम नौ सिलेंडर सालाना किया जाए। अभी यह कोटा छह सिलेंडर का तय किया गया है। कांग्रेस ने इस बारे में मोइली को तत्काल फैसला करने को कहा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की हर चुनावी रैली में रसोई गैस एक बड़ा मुद्दा बन कर उभरा है। यही वजह है कि कांग्रेस चाहती है कि बेहद महत्वपूर्ण गुजरात चुनाव से पहले इस बारे में फैसला हो जाए। साथ ही इससे सरकार के लिए संसद का आगामी शीतकालीन सत्र चलाना भी आसान होगा।

सूत्रों की मानें तो मोइली पेट्रोलियम सब्सिडी पर राज्यों को पत्र लिखेंगे। राज्यों को यह बताने की कोशिश होगी कि केंद्र की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पेट्रोलियम सब्सिडी में कटौती करना जरूरी है। लिहाजा, राज्य रसोई गैस व केरोसीन सब्सिडी का बोझ उठाने में कुछ मदद करें। कई राज्यों ने अपनी तरफ से गरीबों को दिए जाने वाले सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की संख्या बढ़ाई भी है।

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