आर्थिक वृद्धि दर 6.7 फीसद रहने का अनुमान
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने मौजूदा वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह अनुमान अन्य शोध संस्थानों के अनुमानों से काफी अच्छा है और अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर पेश करता है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने मौजूदा वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह अनुमान अन्य शोध संस्थानों के अनुमानों से काफी अच्छा है और अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर पेश करता है।
परिषद ने हालाकि यह भी कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2012-13 में मुद्रास्फीति 6.5-7 प्रतिशत रहेगी, क्योंकि मानसून की बारिश पर्याप्त नहीं हुई। कम बारिश का असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ेगा, जिसकी वृद्धि दर घटकर 0.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 2.8 प्रतिशत थी।
परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने आर्थिक परिदृश्य- 2012-13 जारी करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 2012-13 में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी। रंगराजन ने इससे पहले यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी।
सुधारों की जोरदार वकालत करते हुए रंगराजन ने सरकार से मल्टी-ब्राड खुदरा कारोबार को विदेशी निवेश के लिए खोलने की सलाह दी है। इसके साथ ही सब्सिडी बिल पर नियंत्रण के लिए डीजल की कीमत एकमुश्त या कई किस्तों में बढ़ाने की सलाह दी गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। उल्लेखनीय है कि 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत रही जो नौ साल का निचला स्तर है।
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