पेट्रोल के दाम 7.50 रुपए प्रति लीटर बढ़े
सत्ता मे अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरा करने के अगले ही दिन केद्र सरकार ने आम जनता को अभूतपूर्व पेट्रोल मूल्य वृद्धि का तोहफा दे डाला है। तेल कंपनियो ने बुधवार आधी रात से पेट्रोल की खुदरा कीमत मे 7.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का ऐलान कर दिया है। तत्काल फैसले का राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है। घटक दल गुस्से मे है। देश के इतिहास मे एकमुश्त इस सबसे बड़ी मूल्य वृद्धि मे सरकार ने इसकी गुंजाइश रखी है कि दबाव बढ़ने पर कुछ कमी की जा सके।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सत्ता में अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरा करने के अगले ही दिन केंद्र सरकार ने आम जनता को अभूतपूर्व पेट्रोल मूल्य वृद्धि का तोहफा दे डाला है। तेल कंपनियों ने बुधवार आधी रात से पेट्रोल की खुदरा कीमत में 7.50 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का ऐलान कर दिया है। तत्काल फैसले का राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है। घटक दल गुस्से में हैं। देश के इतिहास में एकमुश्त इस सबसे बड़ी मूल्य वृद्धि में सरकार ने इसकी गुंजाइश रखी है कि दबाव बढ़ने पर कुछ कमी की जा सके। संप्रग-दो के तीन साल में पेट्रोल कीमतें 39.51 रुपये बढ़ चुकी हैं।
ताजा बढ़ोत्तरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमत 73.18 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। आशंका है कि जल्द ही आम आदमी पर डीजल व रसोई गैस की कीमत वृद्धि की भी मार पड़ेगी। इस हफ्ते ही अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह [ईजीओएम] की बैठक में इस बारे में फैसला हो सकता है। पेट्रोल कीमतों में यह बढ़ोत्तरी रुपये में तेज गिरावट का असर मानी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतें हाल में घटी हैं, लेकिन रुपये की कमजोरी ने नुकसान घटाने के बजाय बढ़ा दिया है। पिछले एक वर्ष [15 मई, 2011 के बाद] के दौरान पेट्रोल 9.77 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
संसद के बजट सत्र और तीन वर्ष के कार्यकाल के समारोह के बाद सरकार ने पूरे राजनीतिक नफा-नुकसान का आकलन करने के बाद तेल कंपनियों को कीमत वृद्धि की इजाजत दी है। सरकार ने जून, 2010 में तेल कंपनियों को पेट्रोल की कीमत तय करने की आजादी दी थी। इस ंवर्ष की शुरुआत में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार के दबाव में तेल कंपनियों को कीमत घटानी पड़ी थी। नवंबर, 2011 में जब पेट्रोल महंगा किया गया था, तब ममता बनर्जी ने सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी भी दी थी। इसके बाद बजट पास होने की मजबूरी से पेट्रोल महंगा नहीं किया गया।
तेल कंपनियों की है 6.28 रुपये वृद्धि
तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 6.28 रुपये की वृद्धि की है। केंद्र व राज्यों की तरफ से टैक्स लगने की वजह से आम जनता को 7.50 रुपये से 8.25 रुपये का बोझ उठाना पड़ेगा। विभिन्न राज्यों में पेट्रोल पर 15 फीसदी से 33 फीसदी बिक्री कर या वैट वसूला जाता है। तेल कंपनियों ने कहा है कि नवंबर, 2011 के बाद से क्रूड की कीमत में 14 फीसदी वृद्धि होने से उन्हें कीमत बढ़ानी पड़ रही है। इस दौरान डॉलर भी मजबूत हुआ है। इससे क्रूड का आयात महंगा हुआ है। तेल कंपनियों ने कहा है कि उन्हें अपने घाटे की भरपाई के लिए अभी 1.50 रुपये की वृद्धि और करनी पड़ेगी।
कब-कब बढ़े पेट्रोल के दाम
तारीख मूल्य [रुपये में]
26 जून, 2010 3.73
8 सितंबर, 2010 0.12
21 सितंबर, 2010 0.27
16 अक्टूबर, 2010 0.70
9 नवंबर, 2010 0.32
15 दिसंबर, 2010 2.96
16 जनवरी, 2011 2.50
15 मई, 2011 5.00
15 सितंबर, 2011 3.14
3 नवंबर, 2011 1.82
23 मई, 2012 7.50
अब तक कुल वृद्धि 28.56
पेट्रोल मूल्य वृद्धि से पहले तृणमूल से कोई चर्चा नहीं की गई। बढ़ोत्तरी को किसी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
-ममता बनर्जी
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