औद्योगिक विकास दर में 0.1 फीसदी की वृद्धि
खनन, विनिर्माण और पूंजीगत माल क्षेत्रों में सुस्त रफ्तार के चलते इस वर्ष जुलाई में महज 0.1 फीसदी औद्योगिक वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष जून महीने में आईआईपी ग्रोथ-1.8 फीसदी रही, जबकि बाजार को जुलाई में आईआईपी वृद्धि 0.5 फीसदी रहने का अनुमान था। वर्ष 2011 के जुलाई में आईआईपी वृद्धि 3.7 फीसदी रही थी।
नई दिल्ली। खनन, विनिर्माण और पूंजीगत माल क्षेत्रों में सुस्त रफ्तार के चलते इस वर्ष जुलाई में महज 0.1 फीसदी औद्योगिक वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष जून महीने में आईआईपी ग्रोथ-1.8 फीसदी रही, जबकि बाजार को जुलाई में आईआईपी वृद्धि 0.5 फीसदी रहने का अनुमान था। वर्ष 2011 के जुलाई में आईआईपी वृद्धि 3.7 फीसदी रही थी।
साल-दर-साल आधार पर इस साल जुलाई महीने में विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि केवल -0.2 फीसदी रही, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इस क्षेत्र में यह वृद्धि 3.1 फीसद दर्ज की गई थी। वहीं, खनन क्षेत्र में भी पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष इसमें कमी देखने को मिली है। मौजूदा वर्ष में जुलाई में खनन क्षेत्र में वृद्धि जहां -0.7 फीसदी रही, वहीं वर्ष 2011 के जुलाई में यह वृद्धि 0.7 फीसदी रही थी।
जुलाई में बिजली क्षेत्र में भी वृद्धि में गिरावट दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में वृद्धि दर घटकर 2.8 फीसदी रही, जबकि पिछले वर्ष जुलाई में यह वृद्धि 13.1 फीसद थी। ऐसा ही कुछ हाल इस वर्ष पूंजीगत क्षेत्र का भी रहा है। इस वर्ष जुलाई में पूंजीगत क्षेत्र में वृद्धि दर पिछले वर्ष की -13.7 के मुकाबले केवल -5 फीसदी ही दर्ज की गई।
जुलाई 2012 में उपभोक्ता क्षेत्र में में वृद्धि घटकर 1.4 फीसदी रह गई। पिछले वर्ष जुलाई में इस क्षेत्र में 9 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।
उपभोक्ता के गैर टिकाऊ क्षेत्र में भी इस वर्ष गिरावट देखने को मिली। इस क्षेत्र पिछले वर्ष 4.1 फीसदी की तुलना में वृद्धि दर केवल 0.1 फीसदी दर्ज की गई। बुनियादी वस्तुओं के क्षेत्र में पिछले वर्ष 10 फीसदी की तुलना में इस वर्ष केवल 1.5 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।
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