आसियान देशों से सेवा व निवेश क्षेत्र में एफटीए को भारत तैयार
नोमपेन्ह [राजकिशोर]। दक्षिणी पूर्वी एशियाई [आसियान] देशों के साथ भारत दिसंबर के अंत तक सेवा व निवेश के क्षेत्रों में मुक्त व्यापार समझौता [एफटीए] करने के लिए तैयार है। दसवें आसियान-भारत सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस एलान के साथ ही साफ कर दिया कि वह इस क्षेत्र के सभी 10 देशों के साथ आर्थिक भागीदारी को अगले चरण में यानी सामरिक स्तर पर ले जाने को तैयार हैं। आतंकवाद रोकने से लेकर समुद्री लुटेरों और दूसरे तरह के अपराधों से निपटने के लिए भी आसियान-भारत एक दूसरे का सहयोग देंगे। इस दौरान यह भी तय हो गया कि भारत-म्यामार और थाइलैंड राजमार्ग का सपना 2016 तक साकार हो जाएगा।
नोमपेन्ह [राजकिशोर]। दक्षिणी पूर्वी एशियाई [आसियान] देशों के साथ भारत दिसंबर के अंत तक सेवा व निवेश के क्षेत्रों में मुक्त व्यापार समझौता [एफटीए] करने के लिए तैयार है। दसवें आसियान-भारत सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस एलान के साथ ही साफ कर दिया कि वह इस क्षेत्र के सभी 10 देशों के साथ आर्थिक भागीदारी को अगले चरण में यानी सामरिक स्तर पर ले जाने को तैयार हैं। आतंकवाद रोकने से लेकर समुद्री लुटेरों और दूसरे तरह के अपराधों से निपटने के लिए भी आसियान-भारत एक दूसरे का सहयोग देंगे। इस दौरान यह भी तय हो गया कि भारत-म्यामार और थाइलैंड राजमार्ग का सपना 2016 तक साकार हो जाएगा।
मनमोहन ने कहा, 'एशियाई महाद्वीप में शाति व समृद्धि के लिए ज्यादा सहयोग और एकजुटता की जरूरत है। आसियान ने 2015 का इस आशय का मास्टर प्लान तैयार किया है। इसका हम समर्थन करते हैं। प्रधानमंत्री जिंस व्यापार को लेकर आसियान देशों के साथ 2010 में हुए समझौते के सकारात्मक असर से सबसे ज्यादा उत्साहित हैं।' वैश्विक मंदी के बावजूद भारत-आसियान के बीच उम्मीद से ज्यादा व्यापार हुआ। लक्ष्य था 70 अरब डॉलर के व्यापार का, लेकिन यह जा पहुंचा 79 अरब डॉलर तक।
मनमोहन ने आसियान बैठक में इसका जिक्र करते हुए कहा, 'मैं एलान करता हूं कि भारत नई दिल्ली में अगले माह दिसंबर में होने वाली आसियान-भारत समापन बैठक से पहले सेवा और निवेश क्षेत्र में एफटीए के लिए तैयार है। यह हमारे गहरे होते आर्थिक रिश्तों का मजबूत संकेत है। साथ ही यह दोनों ही तरफ व्यापार और निवेश का तेजी से प्रसार तय करेगा।' प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी खुशी जताई कि न दोनों क्षेत्र न सिर्फ आर्थिक रूप से एक दूसरे के करीब आ रहे हैं, बल्कि भारत-आसियान देशों के लोगों के बीच रिश्ते प्रगाढ़ हो रहे हैं। इससे क्षेत्र में शाति, सुरक्षा और स्थायित्व भी बढ़ेगा। अब रक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भी लगातार सबकी भागीदारी बढ़ रही है। विदेश मंत्रालय में पूर्वी देशों के सचिव संजय सिंह ने बताया कि थाइलैंड-म्यामार और भारत के बीच राजमार्ग का काम 2016 तक तैयार हो जाएगा। यह काम काफी तेजी से चल रहा है।
आसियान बैठक के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की थाइलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनवात्रा के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता हुई। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मुताबिक वह आसियान देशों के अलावा आठ डायलाग पार्टनर अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी एक विराट रात्रिभोज में हिस्सा लेंगे। इस भोज में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी हिस्सा लेना तय है। ओबामा दोबारा चुनाव जीतने के बाद थाइलैंड और म्यामार होते हुए नोमपेन्ह पहुंचे हैं।
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