जारी रहेगा चीनी का निर्यात
नई दिल्ली। चालू चीनी वर्ष [अक्टूबर 12-सितंबर 13] में घरेलू मांग के मुकाबले उत्पादन ज्यादा रहने की संभावना को देखते हुए सरकार ने चीनी का मुक्त निर्यात जारी रखने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसी साल मई में सरकार ने खुली लाइसेंस नीति के तहत चीनी निर्यात से पाबंदी हटाई थी। तब इसे सितंबर तक के
नई दिल्ली। चालू चीनी वर्ष [अक्टूबर 12-सितंबर 13] में घरेलू मांग के मुकाबले उत्पादन ज्यादा रहने की संभावना को देखते हुए सरकार ने चीनी का मुक्त निर्यात जारी रखने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसी साल मई में सरकार ने खुली लाइसेंस नीति के तहत चीनी निर्यात से पाबंदी हटाई थी। तब इसे सितंबर तक के लिए खोला गया था। मगर अब इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। सरकार के इस कदम से घरेलू बाजार में चीनी के दामों में तेजी आ सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से मुलाकात के बाद थॉमस संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। दोनों मंत्रियों की बैठक में चीनी उद्योग को नियंत्रणमुक्त करने की रंगराजन समिति की रिपोर्ट सहित तमाम मसलों पर चर्चा हुई। इस रिपोर्ट की सिफारिशों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। थॉमस ने बताया कि पवार भी इस बात से सहमत हैं कि कृषि उत्पादों का न्यूनतम निर्यात होते रहना चाहिए। कभी इन पर पाबंदी और कभी इन्हें निर्यात के लिए खोले जाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के लिए मुश्किल पैदा होती है।
उन्होंने बताया कि चालू चीनी सत्र 2012-13 में उत्पादन 2.35 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह पिछले सत्र के 2.6 करोड़ टन के मुकाबले कम है मगर घरेलू खपत 2.2 करोड़ टन से अब भी ज्यादा है। भारत चीनी का दूसरा बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता है। पिछले सत्र में 35 लाख टन चीनी का देश से निर्यात हुआ था। थॉमस के मुताबिक अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत कम है। इसलिए निर्यात के बावजूद घरेलू कीमतों पर असर नहीं पड़ेगा। उनके इस दावे के बावजूद हकीकत यही है कि घरेलू बाजार में चीनी के दाम पिछले तीन-चार महीने में 25 फीसद तक बढ़ चुके हैं।
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