केंद्र थोक उपभोक्ताओं को बेचेगा 65 लाख टन गेहूं
नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के मकसद से केंद्र आटा मिलों और बिस्कुट निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं को 65 लाख टन गेहूं की बिक्री करेगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति यानी सीसीईए की बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक में नैफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी सहकारी संस्थाओं के जरिये पांच-प
नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के मकसद से केंद्र आटा मिलों और बिस्कुट निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं को 65 लाख टन गेहूं की बिक्री करेगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति यानी सीसीईए की बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक में नैफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी सहकारी संस्थाओं के जरिये पांच-पांच लाख टन गेहूं और चावल खुदरा उपभोक्ताओं को बेचने की भी मंजूरी दी गई। दोनों कदमों का मकसद पुराने स्टॉक को बेचकर नए चावल के लिए सरकारी भंडारों में जगह बनाना भी है।
सरकार की ओर से शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि निविदा के जरिये भारतीय खाद्य निगम [एफसीआइ] थोक उपभोक्ताओं को गेहूं की बिक्री करेगा। केंद्र सरकार ऐसे उपभोक्ताओं को इस साल जून से 30 लाख टन गेहूं पहले ही जारी कर चुकी है। खुले बाजार में बिक्री की योजना के तहत नैफेड, केंद्रीय भंडारों के अलावा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के जरिये खुदरा उपभोक्ताओं को गेहूं-चावल की बिक्री अलग से की जाएगी। इस कदम से खुदरा बाजार में गेहूं और चावल की उपलब्धता बढ़ेगी। इसका असर इन जिंसों की बढ़ती कीमतों पर पड़ेगा।
इस साल गेहूं की 9.39 करोड़ टन की रिकॉर्ड पैदावार हुई थी, जबकि 3.81 करोड़ टन की सरकारी खरीद की गई थी। बीते माह के अंतर में केंद्रीय पूल में भी गेहूं का 4.05 करोड़ टन भंडार मौजूद है। इन तथ्यों के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में गेहूं का आटा 22-23 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यह कीमत गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] से करीब दोगुनी है। भारतीय खाद्य निगम एमएसपी पर ही गेहूं की किसानों से खरीद करता है। गेहूं का समर्थन मूल्य 12.85 रुपये प्रति किलो बैठता है।
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