तय हुआ बोइंग से वसूला जाने वाला मुआवजा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गृहमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह [जीओएम] ने एयर इंडिया को ड्रीमलाइनर विमानों की आपूर्ति में विलंब के लिए बोइंग से मांगी जाने वाली मुआवजे की राशि तय कर दी है। अब जीओएम की इस सिफारिश को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति [सीसीईए] के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। नागि
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गृहमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह [जीओएम] ने एयर इंडिया को ड्रीमलाइनर विमानों की आपूर्ति में विलंब के लिए बोइंग से मांगी जाने वाली मुआवजे की राशि तय कर दी है। अब जीओएम की इस सिफारिश को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति [सीसीईए] के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने इसकी जानकारी दी। फिलहाल, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितनी राशि का मुआवजा तय हुआ है। माना जाता है कि यह बोइंग की ओर से प्रस्तावित और एयर इंडिया की ओर से मांगी गई राशि के बीच होगी। एयर इंडिया ने 2005 में बोइंग को 27 बी-787 ड्रीमलाइनर विमानों की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। समझौते के मुताबिक, विमानों की आपूर्ति 2008 में शुरू होनी थी। लेकिन यह अब तक नहीं हो सकी है। ऑर्डर की शर्तो के मुताबिक बोइंग को इस विलंब के लिए एयर इंडिया को मुआवजे का भुगतान करना है। एयर इंडिया ने 2010 में 71 करोड़ डॉलर मुआवजे की मांग की थी, जिसके जवाब में बोइंग ने 14.5 करोड़ डॉलर अदा करने की मंशा जताई थी। चूंकि मांग और स्वीकृति के बीच भारी अंतर है, लिहाजा संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद जीओएम को मुआवजे की राशि तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समझा जाता है कि जीओएम ने एयर इंडिया की मांग को काफी हद तक सही माना है। अजित सिंह ने कहा कि एयर इंडिया का समझौता छह महीने के विलंब को लेकर था, जबकि विलंब चार साल का हो चुका है। लिहाजा इस साल मार्च में नया समझौता किया गया था, जिसके तहत क्षतिपूर्ति की राशि काफी बढ़ गई है।
क्षतिपूर्ति राशि को सीसीईए की मंजूरी के बाद बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों की आपूर्ति शुरू करेगी। इसके लिए तीन ड्रीमलाइनर विमान भारत के लिए उड़ान भरने को अमेरिका में बोइंग के कारखानों में तैयार खड़े हैं।
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