एक करोड़ उपभोक्ताओं ने नहीं लिया एक भी सिलेंडर
सरकार के छह रियायती सिलेंडरों पर उभरे मतभेदों के बीच आई गैस कंपनियों की रिपोर्ट ने सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। तीन गैस कंपनियों की यह रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2011-12 में लगभग 13 करोड़ गैस उपभोक्ता थे, जिनमें करीब 1.02 करोड़ उपभोक्ताओं ने साल में एक भी सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं किया है।
नई दिल्ली। सरकार के छह रियायती सिलेंडरों पर उभरे मतभेदों के बीच आई गैस कंपनियों की रिपोर्ट ने सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। तीन गैस कंपनियों की यह रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2011-12 में कुल 12.96 करोड़ गैस उपभोक्ता थे, जिन्होंने 92.62 करोड़ सिलेंडरों का इस्तेमाल किया, जबकि करीब 1.02 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने वर्ष 2011-12 में एक भी सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं किया है।
गौरतलब है कि सरकार ने रियायती गैस सिलेंडरों का कोटा कम करके छह सिलेंडरों तक कर दिया था। हालांकि कांग्रेस शासित प्रदेशों में यह बढ़ाकर नौ तक कर दिया गया। लेकिन अभी इस बात पर मतभेद बना हुआ है।
गैस कंपनियों की इस रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में एक उपभोक्ता ने सात या सात से ज्यादा गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल किया है। 30 मार्च 2012 को भारत में गैस उपभोक्ता की संख्या 13.98 करोड़ थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2006-07 के बाद से ही प्रतिउपभोक्ता सात सिलेंडर का इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्ष 2011-12 में 1.41 करोड़ उपभोक्ताओं ने आठ सिलेंडरों का इस्तेमाल किया है।
इस रिपोर्ट से एक बेहद चौकाने वाला खुलासा यह हुआ कि भारत में 1.02 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने वर्ष 2011-12 में एक भी सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं किया है। इसका अर्थ यह है कि यह इस गैस उपभोक्ता श्रेणी के एक्टिव मेंबर्स नहीं है। कंपनी का कहना है कि ऐसे उपभोक्ताओं का नाम तुरंत इस लिस्ट से हटा देना चाहिए, क्योंकि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। कंपनी का कहना है कि इस तरह के फर्जी नामों पर डीलर रियायती सिलेंडरों की कालाबाजारी करते हैं।
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