हड़ताल तुड़वाने आए विदेशी पायलट
मुंबई। पिछले लंबे समय से चल रही एयर इंडिया पायलटों की हड़ताल को खत्म करवाने के लिए अब विदेशी पायलटों को भी उतरना पड़ा। विदेशी पायलटों ने विमानन नियामक डीजीसीए को पत्र लिखकर 52 दिन से चल रही एआई पायलटों की हड़ताल तुड़वाने की अपील की है।
मुंबई। पिछले लंबे समय से चल रही एयर इंडिया पायलटों की हड़ताल को खत्म करवाने के लिए अब विदेशी पायलटों को भी उतरना पड़ा। विदेशी पायलटों ने विमानन नियामक डीजीसीए को पत्र लिखकर 52 दिन से चल रही एआई पायलटों की हड़ताल तुड़वाने की अपील की है।
इंडियन पायलट गिल्ड [आइपीजी ] के 400 पायलट सात मई से हड़ताल पर हैं। आइपीजी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर इस मामले में तुरंत दखल देने की अपील की है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन [आइएफएएलपीए ] ने डीजीसीए ईके भरत भूषण को पत्र लिखकर कहा है कि यह बहुत दुखद स्थिति है कि मामले को सुलझाने के कोई संकेत नहीं नजर आ रहे हैं और ना ही इसमें किसी की रुचि है। विमानन महानिदेशक इस मसले को खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। दोनों पक्षों को फिर से बातचीत के लिए तैयार कर विवादित मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। 90 देशों के एक लाख से ज्यादा पायलट इस संगठन के सदस्य हैं। एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैप्टन डॉन वेकॉफ ने अपने पत्र में कहा है कि एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय संबंधी विवाद में क्या सही है और क्या गलत है, इसका फैसला करने में हमारी कोई भूमिका नहीं है। मगर हमारा मानना है कि विवाद को सुलझाने के लिए ऐसा रास्ता तलाशा जाए जो दोनों पक्षों के हित में हो और दोनों को मंजूर भी हो।
वेकॉफ ने कहा है कि विमानन उद्योग इस समय कठिन चुनौतियों से गुजर रहा है। मगर एयर इंडिया और इसके पायलट कंपनी के भविष्य को बेहतर बनाने की बजाय आपसी विवाद में उलझे हैं। दोनों अगर मिलकर काम करें तो एयरलाइंस की आमदनी में इजाफा होगा जो सभी के लिए फायदेमंद भी होगा। पायलटों को हड़ताल से पहले ही कंपनी के साथ-साथ यात्रियों को भी नुकसान का सामना करना पड़ा हैं।
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