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एयर इंडिया बोइंग से जल्द वसूलेगी हर्जाना

ड्रीमलाइनर विमानो की डिलीवरी मे भारी विलंब के लिए अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से हर्जाना वसूलने की प्रक्रिया को एयर इंडिया जल्द से जल्द पूरा करेगी। एयर इंडिया बोर्ड की सोमवार को मुंबई मे हुई बैठक में इस आशय का फैसला किया गया। बैठक मे हड़ताल को देखते हुए नए पायलटो की भर्ती पर भी विचार हुआ। सोमवार को इस हड़ताल का 21वां दिन था।

By Edited By: Published: Mon, 28 May 2012 08:58 PM (IST)Updated: Mon, 28 May 2012 10:04 PM (IST)
एयर इंडिया बोइंग से जल्द वसूलेगी हर्जाना

जागरण ब्यूरो [नई दिल्ली]। ड्रीमलाइनर विमानों की डिलीवरी में भारी विलंब के लिए अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से हर्जाना वसूलने की प्रक्रिया को एयर इंडिया जल्द से जल्द पूरा करेगी। एयर इंडिया बोर्ड की सोमवार को मुंबई में हुई बैठक में इस आशय का फैसला किया गया। बैठक में हड़ताल को देखते हुए नए पायलटों की भर्ती पर भी विचार हुआ। सोमवार को इस हड़ताल का 21वां दिन था।

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इस सरकारी कंपनी के बोर्ड ने मुख्य रूप से बोइंग से हर्जाना वसूलने की प्रक्रिया तेज करने पर चर्चा की। यह हर्जाना 27 ड्रीमलाइनर बोइंग-787 विमानों की आपूर्ति में देरी के लिए वसूला जाना है। वर्ष 2005 में हुए करार [जिसमें 41 बोइंग-777 विमान खरीदने का सौदा भी हुआ था] के तहत ड्रीमलाइनर विमानों की डिलीवरी सितंबर, 2008 से शुरू होनी थी। यह अभी तक नहीं हुई है। अब इसी साल पहले बोइंग-787 की डिलीवरी होने की उम्मीद है।

इस देरी के लिए एयर इंडिया ने दो साल पहले बोइंग को 71 करोड़ डॉलर का हर्जाना अदा करने का नोटिस दिया था। इसके जवाब में बोइंग ने 14.5 करोड़ डॉलर का हर्जाना अदा करने की हामी भरी थी। इसके अलावा भारत में एमआरओ सुविधाएं जल्द स्थापित करने का वादा भी किया था। बहरहाल, एयर इंडिया बोर्ड अब बोइंग से हर्जाना बढ़ाने को कहेगा, क्योंकि दो साल पहले के मुकाबले कीमतों में काफी वृद्धि हो चुकी है।

इससे पहले ड्रीमलाइनर विमानों की डिलीवरी हासिल करने के लिए एयर इंडिया ने बाजार से 50 करोड़ डॉलर का कर्ज जुटाने के लिए बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं से वित्तीय निविदाएं मांगी थीं। इस कर्ज के लिए वह बैंकों व वित्तीय संस्थाओं को अपनी संपत्तियों की गारंटी देगा, जिनकी अनुमानित कीमत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। ये संपत्तियां दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, नैरोबी और मॉरीशस में हैं।

बोर्ड की बैठक में पायलटों की हड़ताल पर भी संक्षिप्त चर्चा हुई। खास तौर पर नए पायलटों की भर्ती पर विचार हुआ। दरअसल, इंडियन पायलट गिल्ड [आइपीजी] से जुड़े पायलट अपने 101 बर्खास्त पायलटों की बहाली के बगैर काम पर आने का तैयार नहीं हैं। वे दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहे हैं। हाई कोर्ट ने हड़ताल को गैरकानूनी बताते हुए पायलटों को काम पर आने को कहा है। विमानन मंत्री अजित सिंह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि पहले हड़ताल खत्म करनी होगी। इसके बाद ही पायलटों की बहाली समेत अन्य मुद्दों पर बात की जाएगी।

गड़बड़ रूटों की पहचान को समिति

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नागरिक विमानन मंत्री अजित सिंह ने एयर इंडिया के घाटे और मुनाफे वाले रूटों की पहचान के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह घाटे वाले रूटों को बंद करने तथा मुनाफे लायक नए मार्गो का निर्धारण करने के सुझाव देगी। नागरिक विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव जी अशोक कुमार इसके अध्यक्ष होंगे। यह एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी।

केवल अति आवश्यक रूटों को इस विश्लेषण से मुक्त रखा जाएगा। इसके अलावा समिति देखेगी कि एयर इंडिया प्रबंधन गर्मियों और सर्दियों में उड़ानों का निर्धारण किस आधार पर करता है। विभिन्न घरेलू व अंतरराष्ट्रीय रूटों पर कितनी कमाई होती है। समिति इस बात की सिफारिश देगी कि इनमें से कौन से रूटों पर उड़ानें बंद करने में ही भलाई है तथा किन नए पर उड़ानें शुरू करने व पुराने रूटों पर बढ़ाने की जरूरत है। समिति नए रूटों के निर्धारण के मानदंड भी तय करेगी। समिति के बाकी तीन सदस्यों में विमानन मंत्रालय के निदेशक सैयद नासिर अली, एयरपोर्ट अथॉरिटी के कार्यकारी निदेशक एससी शर्मा और डीजीसीए के उप महानिदेशक ललित गुप्ता शामिल हैं।

तीन तरह के घाटे वाले रूट

1. ऐसे रूट जिन पर कमाई ईधन खर्च से भी कम है।

2. ऐसे रूट जिन पर ईधन खर्च तो निकल रहा है, लेकिन अन्य प्रचालन खर्चे नहीं निकलते।

3. ऐसे रूट जिन पर प्रचालन खर्च तो निकल रहा है, लेकिन कुल लागत नहीं निकलती।

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