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एयर इंडिया करेगी सौ नए पायलटों की नियुक्ति

एयर इंडिया के हड़ताली पायलटो के अडि़यल रवैये को देखते हुए सरकार ने सौ नए पायलटो की भर्ती का फैसला कर लिया है। नागरिक विमानन मंत्री अजित सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमे से 90 को फिलहाल ट्रेनिंग दी जा रही है। इनकी नियुक्ति बर्खास्त किए गए 101 पायलटो की जगह की जाएगी

By Edited By: Published: Thu, 07 Jun 2012 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2012 09:17 AM (IST)
एयर इंडिया करेगी सौ नए पायलटों की नियुक्ति

नई दिल्ली। एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों के अड़ियल रवैये को देखते हुए सरकार ने सौ नए पायलटों की भर्ती का फैसला कर लिया है। नागरिक विमानन मंत्री अजित सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमें से 90 को फिलहाल ट्रेनिंग दी जा रही है। इनकी नियुक्ति बर्खास्त किए गए 101 पायलटों की जगह की जाएगी।

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अजित सिंह के मुताबिक बर्खास्त पायलट यदि वापसी चाहते हैं तो उन्हें धर्माधिकारी रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए नए सिरे से नौकरी के लिए आवेदन करना होगा।

अजित के मुताबिक पायलटों की हड़ताल बेअसर हो गई है। ज्यादातर उड़ानें बहाल हो चुकी हैं, बाकी उड़ानें भी चार-छह महीने में सामान्य हो जाएंगी। अगस्त तक 90 ट्रेनी पायलट काम शुरू कर देंगे। इसके अलावा दक्ष पायलटों की सीधे भर्ती की जाएगी। इससे अगले छह महीने में सभी 27 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें बहाल हो जाएंगी।

उड़ानों को सामान्य बनाने में एक्जीक्यूटिव पायलटों ने बड़ी मदद की है। अब एयर इंडिया रोजाना 26 हजार यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा रही है। इनमें 11 हजार अंतरराष्ट्रीय यात्री शामिल हैं। अगले छह महीने में सभी 27 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानें बहाल हो जाएंगी। जुलाई के पहले हफ्ते से ए-319 नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट के जरिए हांगकांग के लिए उड़ानें शुरू कर दी जाएंगी। पहली अगस्त से ये उड़ानें सियोल और अलास्का तक बढ़ जाएंगी। तभी दिल्ली-क्वालालंपुर की नई उड़ान भी शुरू होगी।

बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमानों के बारे में अजित का कहना था कि पहला विमान जल्द मिलने वाला है। शुरू में इसे घरेलू रूटों पर उड़ाया जाएगा। अगस्त से मुंबई-लंदन की उड़ान शुरू होगी। उसके बाद सितंबर तक ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ानें शुरू कर दी जाएंगी।

बुधवार को अजित ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से हवाई यात्रा पर सर्विस टैक्स घटाने का भी अनुरोध किया है। वह विमान ईधन [एटीएफ] के दाम घटाने के उपाय भी कर रहे हैं। अजित के मुताबिक सर्विस टैक्स और एटीएफ की ऊंची दरों के कारण ही हवाई किराये अनापशनाप बढ़ रहे हैं। साल भर में सर्विस टैक्स चार गुना बढ़कर 40 फीसद हो गया है। पहले घरेलू उड़ानों पर 10 फीसद या 100 रुपये [जो भी कम हो] और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 10 प्रतिशत या 500 रुपये सर्विस टैक्स लगता था।

इसी तरह, हवाई सफर की आधी लागत एटीएफ पर आती है। महंगे ईधन से एयर इंडिया समेत सभी एयरलाइनों पर बुरा असर पड़ रहा है। महंगे एटीएफ की दो वजहें हैं। राज्यों में 20-30 फीसद तक मूल्यानुसार वैट और एटीएफ में सरकारी तेल कंपनियों का एकाधिकार। लिहाजा सरकार को एटीएफ को डिक्लेयर्ड गुड्स में शामिल कर इस पर विशिष्ट दर से वैट लगाने का सुझाव दिया गया है। इसे पेट्रोलियम नियामक बोर्ड के दायरे में लाने को भी कहा गया है।

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