भाजपा ने राज्यपाल से लगाई फरियाद, खेला होबे दिवस’ के नाम पर हिंसा और अत्याचार करना चाहती है ममता सरकार
बंगाल में आज दूसरे साल खेला होबे दिवस पिछले साल चुनाव में खेला होबे ममता का चुनावी नारा था जो काफी हिट रहा था। इसके बाद इसके नाम पर ममता ने हर साल खेला होबे दिवस मनाने की घोषणा की थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद तीसरी बार सत्ता में लौटीं ममता बनर्जी सरकार आज 16 अगस्त को लगातार दूसरे साल राज्य में खेला होबे (खेला होगा) दिवस मना रही है। इसके तहत राज्य सरकार की ओर से आज सभी जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी होगी।
गौरतलब है कि पिछले साल चुनाव में खेला होबे ममता का चुनावी नारा था जो काफी हिट रहा था। इसके बाद इसके नाम पर ममता ने हर साल खेला होबे दिवस मनाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस ने इस बार भी पूरे राज्य में ‘खेला होबे दिवस’ मनाने का आह्वान किया है।
इधर, राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने ‘खेला होबे दिवस’ के नाम पर पार्टी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मंगलवार सुबह राज्यपाल एल गणेशन से राजभवन में मुलाकात की और उन्हें पत्र सौंपकर आरोप लगाया कि ‘खेला होबे दिवस’ के नाम पर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार शुरू हुआ है।
उन्होंने कहा कि खेला होबे शब्द का इस्तेमाल विरोधी दल के खिलाफ आक्रमण के लिए किया जाता है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर धमकी देकर अपने कार्यकर्ताओं को उकसाया है। उन्होंने इसके खिलाफ राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की फरियाद की है। पत्र में मजूमदार ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी एवं मवेशी तस्करी मामले में सीबीआइ द्वारा तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र किया है और कहा कि इस कार्रवाई से तृणमूल बौखला गई है।
दरअसल ममता ने रविवार को एक सभा में तृणमूल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए सड़क पर उतरने का आह्वान किया था।उन्होंने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि 16 अगस्त का दिन कोलकाता के इतिहास में काला दिन है। इस दिन साल 1946 में ‘द ग्रेट कोलकाता किलिंग’ हुई थी। हिंदुओं का नरसंहार हुआ था और उसी दिन ममता बनर्जी ने खेला होबे दिवस मनाने का आह्वान किया है, जिससे यह साफ है कि उनकी मंशा क्या है। राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पहले से ही बिगड़ी हुई है। इससे स्थिति और भी बिगड़ने की संभावना है।
मजूमदार ने कहा कि खेला होबे दिवस से पहले से तृणमूल राज्य भर में हमले कर रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार शुरू हो गया है। अगर भाजपा कार्यकर्ताओं पर ऐसे ही हमले होने लगे तो वे भी धरने में शामिल हो जाएंगे। क्या राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक रहेगी?
मजूमदार ने कहा कि कल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभद्र भाषा में प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला जो कभी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने इस मामले की सूचना भी उन्होंने राज्यपाल को दी है। उन्होंने कहा कि तृणमूल नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। विरोधी दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ उसका रहे हैं। टीएमसी सांसद सौगत राय ने रविवार को विपक्ष के चमड़े से जूते बनाने की बात कही है। इससे राज्य की कानून व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना है।