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Ostracised Mans Last Rites: बहिष्कृत शख्स के अंतिम संस्कार में ग्रामीणों ने मदद से किया इनकार, प्रशासन को करना पड़ा इंतजाम

27 साल पहले अंर्तजातीय विवाह के कारण समाज से बाहर किए गए शख्स का अंतिम संस्कार करने से गांव वालों ने इनकार कर दिया। आखिरकार प्रशासन को ही मामले में दखल देना पड़ा और तब कहीं जाकर हिंदू रीति रिवाज से मृतक की अंत्येष्टी की गई।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 11:22 AM (IST)
Ostracised Mans Last Rites: बहिष्कृत शख्स के अंतिम संस्कार में ग्रामीणों ने मदद से किया इनकार, प्रशासन को करना पड़ा इंतजाम
बहिष्कृत शख्स के अंतिम संस्कार में ग्रामीणों ने मदद से किया इनकार

गुवाहाटी, एजेंसी। अंर्तजातीय विवाह के कारण समाज से बाहर निकाले गए शख्स को मरने के बाद भी ग्रामीणों ने स्वीकार नहीं किया। मामला असम के दारंग जिले का है जहां 27 साल पहले निम्न जाति की स्त्री से शादी करने वाले शख्स की मौत के बाद अंत्येष्टि के लिए गांव वालों ने आने से इंकार कर दिया। हारकर प्रशासन को ही सारा इंतजाम करना पड़ा और तब कहीं जाकर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। 

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गांव से बाहर पटोलसिंगपारा में रह रहा था शख्स 

असम के दारंग जिला प्रशासन ने दफनाए  गए ग्रामीण के शव का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया। दरअसल स्थानीय लोगों ने शख्स के अंतिम संस्कार के लिए  परिवार की मदद करने से इनकार कर दिया था।  27 साल पहले अंर्तजातीय विवाह के कारण परिवार को समाज से निकाल दिया गया था। करीब 50 साल की उम्र के अतुल शर्मा दारंग में पटोलसिंगपारा एरिया में रह रहे थे। उनकी मौत मंगलवार को हो गई थी लेकिन ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने और किसी तरह की मदद से इनकार कर दिया।

दंपती के बेटे ने बताई पूरी बात

मृतक की पत्नी ने कहा, 'ग्रामीणों ने हमें स्वयं अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न करने के लिए कहा। मेरे पति के भाईयों में से एक ने हमारी मदद की। लेकिन अकेले होने के कारण अंतिम संस्कार करना कठिन था इसलिए हमने दफनाने का फैसला लिया।' दंपती का बेटा दूर रहता है और इतनी जल्दी लौट नहीं सका। बाद में बेटे ने दावा किया कि उसके माता-पिता सामाजिक तौर पर बहिष्कृत थे क्योंकि 27 साल पहले उन्होंने अंर्तजातीय विवाह किया था। उसकी मां निम्न जाति की है। 

जैसे ही घटना के बारे में खबर फैली स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी शुक्रवार को गांव पहुंचे और परिवार की सहमति से अंतिम संस्कार का इंतजाम किया। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चिता को आग दी गई। कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अंत्येष्टि की गई। कोच राजबंशी कम्युनिटी के प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के खिलाफ कार्र्र्र्रवाई की मांग की जिन्होंने परिवार को बहिष्कृत किया था। मृतक की पत्नी इसी कम्युनिटी की है। सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक मामला दर्ज नहीं कराया गया है।


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