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Amitabh Choudhary: पलामू के एसपी रहते हुए अमिताभ चौधरी ने बनाई थी खेल की दुनिया में अपनी पहचान; राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट का कराया था आयोजन

Amitabh Choudhary झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। पलामू के एसपी रहते हुए अमिताभ चौधरी ने खेल की दुनिया में अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन कराया था।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 11:30 AM (IST)
Amitabh Choudhary: पलामू के एसपी रहते हुए अमिताभ चौधरी ने बनाई थी खेल की दुनिया में अपनी पहचान; राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट का कराया था आयोजन
Amitabh Choudhary: पलामू के एसपी रहते हुए अमिताभ चौधरी ने बनाई थी खेल की दुनिया में अपनी पहचान।

मेदिनीनगर (पलामू), [मृत्युंजय पाठक]। Amitabh Choudhary झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। उनका पलामू से भी जुड़ाव रहा है। वे 1993 में पलामू के एसपी थे। एक साल तक पलामू रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) फरवरी 2002 से मार्च 2003 तक रहे। उनका कार्यकाल लोगों को आज भी याद है। वे तामझाम में नहीं रहते थे। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप में पुलिस क्षेत्र से अलग खेल की दुनिया में भी खूब नाम कमाए। उनका एक सपना था। लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद तक पहुंचना। हालांकि यह सपना पूरा नहीं हो सका।

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खेल की दुनिया में पलामू से मिली पहचान

पलामू के एसपी रहते हुए अमिताभ चौधरी ने राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट कराया था। बिहार-झारखंड में राष्ट्रीय स्तर का यह द्वितीय महिला टूर्नामेंट था। यहीं से खेल की दुनिया में अमिताभ चौधरी को पहचान मिली थी।

पलामू में कराया था राष्ट्रीय महिला फुटबाल टूर्नामेंट

पलामू का एसपी रहते हुए 16 दिसंबर, 1993 को डालटनगंज (अब मेदिनीनगर) में द्वितीय राष्ट्रीय महिला फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन कराया था। वे आयोजन समिति के अध्यक्ष थे। तब आयोजन समिति के सचिव थे प्रो. सुभाष चंद्र मिश्रा। मिश्र के अनुसार अमिताभ जी का जाना बहुत पीड़ादायक है। वह कहते हैं, 'करीब तीन महीने तक टूर्नामेंट के दौरान रोज उनके साथ बैठकर बात होती थी। इस दौरान वह कभी पुलिस अधिकारी के रूप में नहीं दिखे। वह सही मायने में इस आयोजन के सूत्रधार थे। वे पलामू में जब डीआइजी के रूप में पदस्थापित थे सादगी के लिए जाने जाते थे। बिना ताम-झाम के कहीं भी पहुंच जाते थे। मिश्र ने कुछ दिन पहले चौधरी से बात की थी। उन्होंने बताया- यह पता नहीं था कि यह आखिरी बात होगी। उनका अकस्मात दुनिया को अलविदा करना हमलोगों के लिए निजी क्षति है। देश के खेल जगत को तो है ही।

राजनीति में नहीं हो सके सफल

भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अमिताभ चौधरी सांसद बनना चाहते थे। यह उनका सपना था। हालांकि पूरा नहीं हो सका। उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी के रूप में 2014 में रांची से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। चुनाव में उन्हें 67712 मत मिले थे। भाजपा प्रत्याशी रामटहल चौधरी के सामने टिक नहीं पाए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने रांची के साथ ही धनबाद और जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट के लिए प्रयास किया था।


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