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Darbhanga news :यह न कहिए पति नहीं रहे, न जाने दो शवों को देख सोमनी का क्या होगा

Darbhanga news उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सपरिवार रहकर रोजी-रोटी चलाने के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का सपना बुन रहे पचकौरी के परिवार ने खो दिए तीन सदस्य। घटना की जानकारी होने के बाद गांव में मातम का माहौल।

By JagranEdited By: Dharmendra Kumar SinghPublished: Sun, 25 Sep 2022 11:08 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 11:08 PM (IST)
Darbhanga news :यह न कहिए पति नहीं रहे, न जाने दो शवों को देख सोमनी का क्या होगा
सड़क हादसे में पिता पुत्र की मौत के बाद गांव में मातम। (फाइल फोटो)

मनीगाछी (दरभंगा), जासं। मनीगाछी प्रखंड की चनौर पंचायत के अमई गांव निवासी पचकौरी सदाय की पत्नी सोमनी देवी रविवार की सुबह से ही विलाप कर रहीं थी। उन्हें बस इतना पता था कि पुत्र कृष्णा की सड़क हादसे में मौत हो गई। पति शव लेकर आ रहे हैं। यह जानकारी नहीं दी गई कि बेटे की मौत के बाद उनकी मांग का सिंदूर भी धूल गया है। पति पचकौरी भी बेटे के साथ हुए हादसे के बाद दूसरे सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। स्वजन व गांव के लोग सोमनी को संभाल रहे थे। सुबह जब यह सूचना आई तो सोमनी इस कदर बीमार हुई कि अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जब भी होश आता बस यहीं कहती - ‘आए थे गांव में दुर्गा पूजा व आनेवाले सभी त्योहारों को मनाने न जाने खुशियों को किसकी नजर लगी। एक पल में मेरे परिवार का भविष्य ही छीन गया।’ गांव के लोग बस यहीं हर आने जानेवाले को बता रहे थे- यह न कहिए कि पुत्र के बाद पति भी नहीं रहे, वरना और हालत खराब हो जाएगी। बड़ी मुश्किल से उनकी तबीयत स्थिर है। न जाने पति व पुत्र दोनों के शवों को देखने के बाद क्या होगा। इस हृदय विदारक घटना के बाद टोले में अधिकांश घरों के चूल्हे नहीं जले।

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छह साल पहले एक और पुत्र की हुई थी गाजियाबाद में ही मौत

स्वजनों के मुताबिक, अब से छह साल पहले गाजियाबाद में ही हुए एक सड़क हादसे में पचकौरी के छोटे पुत्र गोपाल सदाय की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद से परिवार गहरे सदमे में रहता था। तीन पुत्रों में से गोपाल की मौत के बाद पचकौरी बड़े पुत्र हरेराम सदाय व दूसरे (मंझले) पुत्र कृष्णा सदाय समेत परिवार सभी सदस्यों के साथ गाजियाबाद में रहते थे। सपना था पैसा कमाकर परिवार को बेहतर तरीके से रखना। उन्हें क्या पता था पहले छोटा बेटा, फिर मंझला बेटा और अंत में स्वयं ही चल बसेंगे।

चार दिन पहले गए थे पुत्र को लाने

पचकौड़ी पिछले दस साल से सपरिवार परदेस में रहकर परिवार की परवरिश कर रहे थे। पर्व-त्योहार में घर सबलोग आते थे। तीन पुत्र, एक पुत्रवधू, एक पुत्री व पत्नी सबको साथ रखते थे। अब से चार दिन पहले घर से निकले कि पुत्रों को लेकर गांव आएंगे और त्योहार सभी गांव में एक साथ मनाएंगे। इस बीच शनिवार को पुत्र कृष्णा काम करने के लिए निकला और रास्ते में हुए सड़क हादसे का शिकार हो गया। डिलेवरी ब्वाय का काम करनेवाले कृष्णा की मौत ने पचकौरी को तोड़ दिया। वो सदमे में बेटे का शव लेकर अन्य परिजनों के साथ आ रही रहे थे कि रास्ते में उनका भी सामना मौत से हो गया। ग्रामीण बताते हैं कि अब पचकौरी और उनके दो पुत्रों की मौत के बाद परिवार मेंं उनकी पत्नी सोमनी देवी, बड़े पुत्र हरेराम सदाय, पुत्रवधू सोनी देवी एवं पुत्री माला कुमारी (15) रह गई हैं। बड़े पुत्र को कोई संतान नहीं है। पचकौरी का सपना था मंझले पुत्र की शादी करेंगे। बेटी का ब्याह करेंगे। परिवार को नई उड़ान देंगे, लेकिन उनके सपने पूरे होने से पहले ही टूट के बिखर गए।

यह है घटनाक्रम

गाजियाबाद में हुए सड़क हादसे में पुत्र की मौत के बाद उनका शव लेकर पचकौरी घर आ रहे थे। रास्ते में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एंबुलेंस कन्नौज के सौरिख क्षेत्र में शनिवार की देर रात करीब 1:30 बजे खराब हो गई। चालक पीली पट्टी पर एंबुलेंस को खड़ी कर ठीक करने लगा। पचकोरी एंबुलेंस के पास खड़े हो गए। उसी समय तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।


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