किशोरी से दुष्कर्म के अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा
जागरण संवाददाता, हाथरस : वर्ष 2012 में किशोरी के अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी अधिनियम त्रिलोक पाल सिंह ने एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त के दोस्त को कोर्ट ने पांच वर्ष के कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्तों पर अर्थदंड भी लगाया है।
विशेष शासकीय अधिवक्ता एससी-एसटी एक्ट दिनेशपाल सिंह ने बताया कि 14 जनवरी 2012 को सादाबाद क्षेत्र के एक व्यक्ति ने कोतवाली सादाबाद में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि उसकी 15 वर्षीय बेटी अपनी मां को रजिस्टर देने के लिए गई थी, तभी रास्ते में विष्णु मिल गया और उसकी बेटी को अपनी बाइक पर बिठाकर ले गया। विष्णु ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद बेटी को बिसावर चौकी के पास छोड़कर चला गया। किशोरी के बयानों के आधार पर विष्णु और उसके दोस्त शिवकुमार उर्फ भोला के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। सुनवाई के बाद न्यायालय में विष्णु पर धारा 363 व 376 में दोष सिद्ध हुआ है। कोर्ट ने विष्णु को धारा 363 में पांच साल की सजा और दस हजार रुपये का अर्थदंड और धारा 376 में दस साल की कैद और तीस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। एससी-एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों मुकदमों में 43 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। शिवकुमार को धारा 376 व एससीएसटी एक्ट से दोषमुक्त कर दिया। उसे 363 में पांच साल की सजा सुनाई है और 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।