Move to Jagran APP

फिर महंगा होगा पेट्रोल

महंगाई की आग में फिर से पेट्रोल पड़ने वाला है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल कच्चे तेल [क्रूड] के दाम नरम पड़े हुए हैं, लेकिन तेल कंपनियां इस बार रुपये की कमजोरी के चलते परेशान हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर दो साल के निचले स्तर तक चले जाने की वजह से ये सरकारी कंपनियां जल्दी ही पेट्रोल के दाम तीन रुपये लीटर तक बढ़ा सकती हैं। तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने इससे पहले 15 मई, 2011 को पेट्रोल के दामों में पांच रुपये की बढ़ोतरी की थी।

By Edited By: Published: Thu, 15 Sep 2011 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2011 11:03 AM (IST)
फिर महंगा होगा पेट्रोल

नई दिल्ली। महंगाई की आग में फिर से पेट्रोल पड़ने वाला है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल कच्चे तेल [क्रूड] के दाम नरम पड़े हुए हैं, लेकिन तेल कंपनियां इस बार रुपये की कमजोरी के चलते परेशान हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर दो साल के निचले स्तर तक चले जाने की वजह से ये सरकारी कंपनियां जल्दी ही पेट्रोल के दाम तीन रुपये लीटर तक बढ़ा सकती हैं। तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने इससे पहले 15 मई, 2011 को पेट्रोल के दामों में पांच रुपये की बढ़ोतरी की थी।

loksabha election banner

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया, 'तेल कंपनियों को पेट्रोल के मौजूदा दाम पर 2.61 रुपये प्रति लीटर का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुल मिलाकर तीनों तेल कंपनियों को पेट्रोल की बिक्री पर रोजाना 15 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा हे। इसलिए स्थानीय कर वगैरह मिलाकर पेट्रोल कीमतें तीन रुपये प्रति लीटर तक बढ़ानी पड़ सकती हैं।'

सरकार ने पिछले साल जून में ही पेट्रोल के मूल्य को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया था। कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड तेल के दाम बढ़ने तो कभी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर गिरने से तेल कंपनियों की लागत बढ़ती चली गई। ताजा मामला तो रुपये की कमजोरी का है। बुधवार को अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में भारतीय मुद्रा एक समय दो साल के निचले स्तर 48.01 रुपये प्रति डॉलर तक चली गई। हालांकि, बाद में रुपया 47.65 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ।

तीनों तेल मार्केटिंग कंपनियों को इस साल अब तक अकेले पेट्रोल की बिक्री पर 2,450 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। पेट्रोल मूल्य अगर मौजूदा स्तर पर बने रहे तो कंपनियों को साल की बाकी अवधि में 2,850 करोड़ रुपये का घाटा और उठाना होगा। यानी कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 5,300 करोड़ रुपये का नुकसान केवल पेट्रोल की बिक्री पर होगा। अधिकारी ने कहा कि इस लिहाज से तेल कंपनियों को जल्द ही पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं।

डीजल, घरेलू रसोई गैस और केरोसीन पर भी तेल कंपनियों को रोजाना 263 करोड़ रुपये की अंडर रिकवरी [घाटा] हो रही है। डीजल पर यह घाटा प्रति लीटर 6.05 रुपये, केरोसीन पर 23.25 रुपये और एलपीजी पर 267 रुपये प्रति सिलेंडर है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनियों को करीब 65,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कंपनियों की खरीद लागत ज्यादा है, जबकि बिक्री मूल्य उससे कम है। इससे पूरे साल में उनकी अंडर रिकवरी बढ़कर 1,21,571 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.