शेयर बाजार में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं इंटरमीडियरी, पढ़ें इनसे जुड़ी सभी अहम बातें
सेबी के नियम के अनुसार एक्सचेंज के जरिए सिर्फ स्टॉकब्रोकर ही सौदे पूरे कर सकते हैं। ऐसे में ये आम निवेशकों और स्टॉक मार्केट के बीच एक माध्यम बनते हैं जिससे आम निवेशक बाजार में आसानी से सौदे कर सकें।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार में निवेश अब बेहद आम विषय हो चुका है और बाजार की जानकारी रखने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। हालांकि बाजार की जानकारी रखने वाले ऐसे अधिकांश लोग शेयरों की जानकारी से आगे नहीं बढ़ते। बेहद कम लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री की प्रक्रिया में शामिल सभी पक्षों की पूरी जानकारी होती है।
बाजार में अगर आपको सफल होना है तो आपको इस प्रक्रिया और प्रक्रिया से जुड़े सभी पक्ष की जानकारी होनी जरूरी है। इससे आप बाजार को तेजी से समझ सकेंगे। यहां हम बाजार के इंटरमीडियरीज के बारे में बताने जा रहे हैं। ट्रेडिंग में intermediaries वो पक्ष होता है जिनकी मदद के बिना आप सौदे ही पूरे नहीं कर सकेंगे। इनमें से कुछ के चुनाव के विकल्प आपके पास मौजूद होते हैं। ऐसे में बाजार में आगे बढ़ने के लिए जरूरी होता है कि आप इनको लेकर अपनी समझ विकसित करें और सही विकल्प चुनें।
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क्या होते हैं इंटरमीडियरीज?
शेयर बाजार में सौदे अब इतने आसान हो गए हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि एक सौदे को पूरा करने में कितने पक्ष शामिल होते हैं। शेयर बाजार में सौदे करते वक्त कई बातें अहम होती हैं जिसमें पैसों का लेन-देन, शेयरों का लेन-देन, शेयरों के मालिकाना हक का ट्रांसफर, सौदे पूरे न होने की स्थिति में सेटलमेंट आदि हैं। इन सभी कामों को पूरा करने के लिए निवेशक और स्टॉक मार्केट के बीच कई मध्यस्थ होते हैं जिन्हें intermediaries कहते हैं।
कितनी तरह के होते हैं इंटरमीडियरीज?
हम जानते हैं कि बाजार के दो हिस्से होते हैं, पहला प्राइमरी मार्केट और दूसरा सेंकेडरी मार्केट। दोनों में ही अलग-अलग intermediaries होते हैं जो प्राइमरी मार्केट में शेयर की लिस्टिंग से लेकर सेकेंडरी मार्केट में शेयरों के कारोबार तक में मदद करते हैं। प्राइमरी मार्केट में मर्चेंट बैंकर, अंडरराइटर, इश्यू के बैंकर, पोर्टफोलियो मैनेजर, डिबेंचर ट्रस्टीज और शेयर ट्रांसफर एजेंट इंटरमीडियरीज के रूप में काम करते हैं। वहीं सेकेंडरी मार्केट में स्टॉक ब्रोकर और सब ब्रोकर intermediaries के रूप में काम करते हैं। इसके अलावा बैंक, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन सभी सौदों को पूरे करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
क्या होता है इंटरमीडियरी का काम?
एक आम निवेशक के रूप में आप जिस इंटरमीडियरी से सबसे ज्यादा संपर्क में रहते हैं वो ब्रोकर या सब ब्रोकर होते हैं। सेबी के नियम के अनुसार, एक्सचेंज के जरिए सिर्फ स्टॉकब्रोकर ही सौदे पूरे कर सकते हैं। ऐसे में ये आम निवेशकों और स्टॉक मार्केट के बीच एक माध्यम बनते हैं, जिससे आम निवेशक बाजार में आसानी से सौदे कर सकें।
ये आपके लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलते हैं और कारोबार से जुड़ी अन्य सेवाएं देतें हैं। 5paisa भी आपके लिए ऐसे ही एक मध्यस्थ का काम करता है। ये आपको वो सभी सुविधाएं और सलाह देता है जिससे आप बिना किसी तनाव के बाजार में अपने सौदे कर सकते हैं और बाजार की ग्रोथ का पूरा फायदा उठा सकते हैं। 5paisa बेहद कम लागत के साथ बाजार को आपसे जोड़ता है और आपकी कामयाबी में सबसे बड़ा सहयोगी बनता है।
दूसरा सबसे अहम इंटरमीडियरी डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट होता है। दरअसल निवेशक पैसे देकर कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदते हैं। ये हिस्सेदारी शेयर के रूप में मिलती है शेयर की खरीद के साथ इसका सर्टिफिकेट जारी होता है। आजकल ये शेयर सर्टिफिकेट digital रूप में होते हैं जो निवेशकों के डीमैट अकाउंट में रखे जाते हैं।
डिपॉजिटरी निवेशकों के इन्ही निवेश सर्टिफिकेट को अपने पास सुरक्षित रखती है, जैसे बैंक अपने पास अपने ग्राहकों की नकदी रखते हैं। भारत में एनएसडीएल और सीएसडीएल दो डिपॉजिटरी हैं। क्योंकि अपने शेयर के रखने के लिए आप NSDL और CSDL में सीधे खाता नहीं खोल सकते तो यहां आपकी मदद डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट करते हैं। ये डिपॉजिटरी और निवेशकों या कारोबारियों के बीच लिंक का काम करते हैं। ये आपके लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं और आप इस अकाउंट में अपने निवेश को डिजिटल सर्टिफिकेट के रूप में रख सकते हैं।
अगर कोई निवेशक किसी कीमत पर शेयर खरीदना चाहता है तो ये सौदा तभी पूरा होता है जब कोई दूसरा निवेशक इसी कीमत पर शेयर बेचने को तैयार हो। हर दिन पूरे देश भर से खरीद और बिक्री के ऑर्डर दिए जाते हैं। इन्हें क्लियर करने की जिम्मेदारी क्लियरिंग कॉर्पोरेशन की होती है। सौदों के मिलान से लेकर फंड के ट्रांजेक्शन तक को पूरा करना इसकी जिम्मेदारी होती है। इसमें NSE clearing corporation और Indian Clearing Corporation प्रमुख है।
सौदों का आधार पैसा होता है और स्टॉक मार्केट में पूरा लेन देन बैंकों के जरिए किया जाता है। प्राइमरी हो या सेकेंडरी मार्केट बैंक बाजार की भूमिका बाजार के सबसे प्रमुख इंटरमीडियरी की होती है। 5paisa बाजार से जुड़ी सबसे अच्छी सेवाएं पाने में मदद करता है। इससे आप सुनिश्चित कर पाते हैं कि आप तेजी से और पूरी सटीकता के साथ सौदे निपटा सकें और मुनाफा बिना किसी देरी के पा सकें।
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Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।