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मुसीबत में पहचानी डिजिटल की ताकत, ग्राहकों की सलाह मान कपड़े के कारोबार को यूं संवारा

मदन स्टोर के विक्रांत सचदेव के अनुसार बुजुर्गों की सीख ग्राहक का भरोसा और बदलते जमाने के साथ कुछ करने की ललक किसी कारोबार में आपको तय सफलता दिलाती है। मुश्किल दौर में तो यह खासकर आपके लिए संजीवनी की तरह होती है।

By Manish MishraEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 12:10 AM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 12:10 AM (IST)
मुसीबत में पहचानी डिजिटल की ताकत, ग्राहकों की सलाह मान कपड़े के कारोबार को यूं संवारा
Madan Stores Prayagraj, Uttar Pradesh Pic: Jagran New Media

नई दिल्ली, जागरण न्‍यूज नेटवर्क। कहते हैं कि मुश्किल वक्त में ही किसी इंसान की काबिलियत, धैर्य, हौसला, परिश्रम और कुछ नया करने की सूझबूझ का असल इम्तिहान होता है। यह दौर ही किसी को पंख फैलाने और आउट ऑफ बॉक्स सोचने की हिम्मत देता है। मदन स्टोर के विक्रांत सचदेव के अनुसार, बुजुर्गों की सीख, ग्राहक का भरोसा और बदलते जमाने के साथ कुछ करने की ललक किसी कारोबार में आपको तय सफलता दिलाती है। मुश्किल दौर में तो यह खासकर आपके लिए संजीवनी की तरह होती है। इसी संजीवनी की मदद से कोरोना के मुश्किल वक्त में भी मदन स्टोर न केवल संभला, बल्कि अपने कारोबार को डिजिटल ताकत से लैस करने में कामयाब भी रहा। चुनौतियों के बीच मदन स्टोर और विक्रांत सचदेव की कामयाबी का ये किस्सा हम सभी को हौसला देने वाला है। 

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62 साल पुराना है मदन स्टोर का सफर

विक्रांत बताते हैं कि 1958 में मेरे दादा किशन लाल सचदेव ने यह दुकान शुरू की थी। तब हम ऊन और होजियरी बेचते थे। 20 से 30 साल पहले ताऊ अशोक सचदेव इस बिजनेस में आए। स्कूल यूनिफॉर्म का काम शुरू किया। काम बढ़ता गया, लोकप्रियता बढ़ती गई। 1999 में हमने मदन कलेक्शन शुरू किया। देश-दुनिया के सारे ब्रांड हमारे यहां उपलब्ध थे। हमारी ज्वाइंट फैमिली है। ताऊ, पिताजी और हम चारों भाई साथ में काम करते हैं। आज प्रयागराज में हमारे सात शो रूम हैं। 

समाधान-1 : ग्राहकों ने कहा तो अपनाया ऑनलाइन विकल्प 

विक्रांत सचदेव कहते हैं कि लॉकडाउन में शुरुआत के दो माह में कारोबार में काफी फर्क पड़ा। उस दौर में सेविंग्स के माध्यम से ही दुकान को आगे बढ़ाया। दो माह तो किराया अपनी जेब से दिया। देखें तो मौजूदा समय में भी बड़ा सुधार नहीं हुआ, अभी बिक्री पचास फीसदी ही है। विक्रांत बताते हैं कि इस दौर में ग्राहकों ने हमें विभिन्न माध्यमों से फीडबैक दिया। ग्राहकों ने हमसे पूछा कि क्या आप होम डिलीवरी कर सकते हैं, क्या आप गूगल पे जैसे माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं। उस समय हमने क्विक सेल ऐप के माध्यम से काम करना शुरू किया। इससे सारे प्रोडक्ट्स ऑनलाइन हो गए और हमने अपने ग्राहकों को ऑनलाइन लिंक भेजने शुरू किए। फिलहाल इसमें दो से तीन ग्राहक रोजाना हमसे डील कर रहे हैं।

(मदन स्‍टोर के अंदर की तस्‍वीर)

समाधान-2 : ट्रैवल पर लगी रोक तो इंटरनेट से खुली राह

विक्रांत कहते हैं हमारे लिए सबसे बड़ी परेशानी थी कि सामान खरीदने और देखने के लिए हमें ट्रैवलिंग करनी पड़ती थी। कंपनियां हमें ट्रेड शो में बुलाती थीं। यह ट्रेड शो दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में होते थे। कोरोना काल में ऐसा संभव नहीं था इसलिए हमने डिजिटल बुकिंग करनी शुरू कर दी। कंपनियां हमें अपने सैंपल पीडीएफ, फोटो और कैटलॉग में अपने डिजाइन भेजने लगीं। इनके माध्यम से हम बड़े डिजाइनरों के सैंपल ऑनलाइन देखने लगे।

समाधान-3 :  ग्राहकों की सुरक्षा का रखा पूरा ख्याल

बकौल विक्रांत कपड़े की दुकान पर ग्राहक इसलिए नहीं आ रहे थे कि उन्हें घर से बाहर निकलने में संक्रमण का डर था। इस डर को दूर करने के लिए हमने अपने शो रूम के अंदर-बाहर मास्क, तापमान जांचने वाली मशीन का प्रयोग किया। हमारे ग्राहक शशांक का सुझाव आया कि आप कपड़ों की होम डिलीवरी शुरू करो। शुरू में तो यह व्यावहारिक नहीं लगा पर बाद में यह कामयाब साबित हुआ। ग्राहक हमसे डिजाइन या स्टाइल का कपड़ा मंगाते थे हम उसके पांच गुने अधिक डिजाइन भेजने लगे। ग्राहक अपनी पसंद की डिजाइन चुनता और बाकी को डिलीवरी के वक्त लौटा देता। 

समाधान-4 : लोकल अथॉरिटी से बात कर शुरू की कपड़ों की डिलीवरी 

विक्रांत कहते हैं कि मौजूदा समय में कारोबार में बहुत तेजी नहीं है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी थी कि अपने लॉयल ग्राहकों से कैसे खुद से जोड़ कर रखा जाए, कैसे उनसे संवाद कायम रखा जाए। इसके लिए ग्राहकों से डिजिटली जुड़ना बेहद आवश्यक था। ऐसे में हम डिजिटल और डिलीवरी माध्यमों से कस्टमर से जुड़ने लगे। चूंकि, इस दौर में ई-कॉमर्स कंपनियां होम डिलीवरी करती हैं, इसलिए ग्राहकों के टूटने का डर था। इसे ध्यान में रखते हुए हमने लोकल अथॉरिटी से बात कर नवजात के कपड़ों की होम डिलीवरी शुरू की। इसका मकसद था कि हम कस्टमर के संपर्क में रहें।

 (मदन स्टोर के विक्रांत सचदेव)

समाधान-5 : ग्राहकों के फीडबैक से ऑनलाइन वीडियो सुविधा शुरू की

गारमेंट इंडस्ट्री में कस्टमर की बड़ी डिमांड और चाहत थी फील और टच। डिजिटल ने इस बैरियर को तोड़ा है। ऐसे में हमारे एक ग्राहक सचिन का फीडबैक आया कि हम वीडियो माध्यम से कपड़े दिखाएं। हमने ग्राहकों को वीडियो माध्यम से कपड़े दिखाने शुरू किए। इसमें ग्राहक का पूरा परिवार एक साथ बैठकर कपड़े देख सकता है। हमारे दुकान का कर्मचारी वीडियो कॉल पर कपड़े दिखाता है और ग्राहक उसे पसंद करते हैं। यह काफी कामयाब रहा।

समाधान-6 : वॉट्सऐप चैट से ग्राहकों को कर रहे संतुष्ट 

हम क्विक सेल के माध्यम से सामानों का क्रय-विक्रय करते हैं, जिसका हमें काफी फायदा हुआ। इसी के मार्फत हम कस्टमर से वॉट्सऐप पर संपर्क साधते हैं। इसमें हम एक साथ कई ग्राहकों को वॉट्सऐप पर डील करने में सक्षम हुए। हम वॉट्सऐप पर लगातार ग्राहक द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर दे सकने में समर्थ हैं। ग्राहक हमसे रियल टाइम पर वॉट्सऐप के द्वारा चैट कर सकता है, वीडियो कॉल से कपड़े देख सकता है, साथ ही फोटो भी मंगा सकता है।

सोशल मीडिया पर कस्टमर कर रहे तारीफ

इंस्टाग्राम पर मदन.कस्टमर नाम से मदन कलेक्शन का एक हैंडल है। इसमें अक्षत कुमार लिखते हैं, 'स्टोर में हाईजीन और सैनेटाइजेशन की सुविधा शानदार है। मैंने स्टोर से शॉपिंग के दौरान खुद को काफी सेफ महसूस किया। यहां कलेक्शन ऐसा था, जिसे मैं हमेशा देखना चाहता हूं।' इंस्टाग्राम पर आश्ना कपूर लिखती हैं, 'मैं मदन वुमेन को लोगों को रिकमंड करती हूं। इन्होंने आयोजन के अनुरूप मुझे ड्रेस उपलब्ध कराई। मुझे इनका कलेक्शन पसंद है।' गूगल रिव्यू में निमिषा लिखती हैं, 'प्रयागराज का यह सबसे शानदार स्टोर है। हर ब्रांड का एरिया अलग और सेफ है।'

(न्‍यूज रिपोर्ट: अनुराग मिश्रा, जागरण न्‍यू मीडिया)


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