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सहयोग से समाधान: संवाद और ‘वितरण सेवा’ का मिला राजमंदिर को प्रसाद

कारोबार को सफल बनाने के लिए ग्राहकों की जरूरत और उनकी सुविधाओं का ध्यान रखना जरूरी है। जबतक ग्राहकों को उनके मनमुताबिक सुविधाएं नहीं मिलेंगी तब तक कारोबार को भी नई ऊंचाई नहीं मिल सकती। सफलता के लिए जरूरी है कि आप परिस्थितियों के अनुसार खुद को भी बदल लें।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 12:37 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 12:37 AM (IST)
सहयोग से समाधान: संवाद और ‘वितरण सेवा’ का मिला राजमंदिर को प्रसाद
Business Of Rajmandir Hyper Market Grown During Coronavirus With The Help Of Digital Marketing and Distribution

नई दिल्ली, जेएनएन। कारोबार को सफल बनाने के लिए ग्राहकों की जरूरत और उनकी सुविधाओं का ध्यान रखना जरूरी है। जब तक ग्राहकों को उनके मनमुताबिक सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तब तक कारोबार को भी नई ऊंचाई नहीं मिल सकती। सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप परिस्थितियों के अनुसार खुद को भी बदल लें और वह करें जो उस वक्त की मांग हो। कोरोना काल में कुछ ऐसा ही साहसिक फैसला लिया राजमंदिर हाइपर मार्केट के सुरेश मित्तल ने। उन्होंने इस संकट की घड़ी में चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया और अपने ग्राहकों के लिए किराना सामानों की होम डिलीवरी शुरू की। वॉट्सऐप और फोन के माध्यम से उनसे सीधा संपर्क साधा और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए उनके घर तक सामान पहुंचाने की व्यवस्था की। 

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1986 में शुरू हुआ था हाइपर मार्केट 

सुरेश ने बताया कि वर्ष 1986 में इस हाइपर मार्केट की शुरुआत हुई। इसके बाद वह बढ़ते गए और कारवां बनता गया। मौजूदा समय में इनके 13 आउटलेट हैं, जहां तकरीबन 200 कर्मचारी काम करते हैं। आइए उन्हीं से जानते हैं कि कोरोना के संकट के बीच उन्होंने कैसे अपने कारोबार को प्रगति के पथ पर बनाए रखा।

समाधान 1: डिजिटल मार्केटिंग का लिया सहारा, ग्राहकों से सीधे संवाद

कोरोना संकट के बीच हमने डिजिटल मार्केटिंग का सहारा न लेते हुए ग्राहकों से सीधे संवाद करना बेहतर समझा। इस दौरान स्टोर पर आने वाले ग्राहकों और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा दोनों का ध्यान रखा। हर आउटलेट पर करीब 15-16 कर्मचारी काम करते हैं। कोरोना काल में सभी प्रकार की सुविधाओं के बीच सबसे बड़ी आवश्यकता थी कि लोगों को घर बैठे राशन उपलब्ध कराना। इस दौरान कीमतों को भी उचित और स्थिर रखा गया, जबकि कई लोगों ने इस मौके का गलत इस्तेमाल किया। 

(राजमंदिर हाइपर मार्केट के सुरेश मित्तल)

समाधान 2: गुणवत्ता बनाए रखी, इसलिए ग्राहक भी हुए संतुष्ट

स्टोर में कभी भी वस्तुओं की गुणवत्ता में कमी नहीं रही, जिसकी वजह से ग्राहक भी संतुष्ट हुए। दूसरे प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले उनके पास सामानों की वेराइटी अधिक है। बेहतर सुविधा पाने वाले ग्राहकों ने अन्य लोगों को हमारे यहां से ही खरीदारी के लिए प्रेरित किया। 

समाधान 3: संक्रमण से सुरक्षा का रखा खास ख्याल 

होम डिलीवरी के दौरान भी सभी प्रकार की सुरक्षा मानकों का पालन किया गया। हर आउटलेट के सामने थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की व्यवस्था है। एक सीमित संख्या में लोगों का प्रवेश निर्धारित किया गया है। बाहर भीड़ बढ़ने पर लोगों का प्रवेश रोक दिया जाता है। ग्राहकों में विश्वास को जगाने के लिए जिस प्रकार कोरोना की शुरुआत में कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा व सुविधा का ध्यान रखा गया, वह आज भी बरकरार है। घर तक सामान पहुंचाने के लिए ट्रॉली को भी सैनिटाइज किया जाता है। कोरोना के दौरान सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से पूरा वेतन दिया। 

समाधान 4: कोरोना काल में छूट और ऑफर भी

हम वैसे भी छूट और ऑफर के लिए मशहूर हैं, जिसका लाभ लोगों ने कोरोना काल में भी लिया। कंपनी की ओर से जिस तरह उत्पाद आए उसी तरह ग्राहकों को बेचा गया। आउटलेट में मांग के अनुरूप सभी जरूरी उत्पाद हमेशा ग्राहकों को मिले। जब डिस्ट्रीब्यूटर के पास सप्लाई बंद हो गई तब हमने अपने कर्मचारी और वाहन भेजकर कंपनी से सामान मंगवाए। इस दौरान ग्राहकों की सूची तैयार कर उनके फोन नंबर पर मैसेज भेजकर उनसे संपर्क किया। 

समाधान 5: सामाजिक दायित्व का किया वहन

कोरोना काल में जहां लोगों को खुद को संक्रमित होने से बचाने की चुनौती थी, वहीं हमने भी नियमित रूप से अपने सामाजिक दायित्व का वहन किया। हमारे कर्मचारियों के परिजन उनको लेकर चिंतित थे। उनके परिजन कहते थे कि आप बाहर मत जाओ, दो महीने स्टोर बंद रहेगा तो क्या फर्क पड़ेगा। हमने कोरोना काल में अपने लोगों की बुनियादी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा। लोगों से मिला स्नेह और धन्यवाद हमारे लिए बहुत अधिक महत्व करता है। यह दायित्व पूरे राजमंदिर परिवार ने निभाया और आगे भी जरूरत के अनुसार, हम अपने ग्राहकों के लिए खड़े रहेंगे।


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