राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भरोसा साथ नहीं छोड़ेगी शिवसेना, पीएम से मुलाकात के बाद पैदा हुआ संशय
शरद पवार ने कहा कि ऐसा संशय पैदा किया जा रहा है कि महाविकास आघाड़ी सरकार अधिक समय तक नहीं चल पाएगी। शिवसेना ऐसा दल है जिस पर भरोसा किया जा सकता है। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले चुनावों में भी हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुछ मिनट अकेले में हुई मुलाकात ने महाविकास आघाड़ी में हलचल पैदा कर दी है। शिवसेनानीत त्रिदलीय सरकार के चलने पर आशंकाएं व्यक्त की जाने लगी हैं। लेकिन राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भरोसा है कि शिवसेना महाविकास आघाड़ी के बाकी दो साथियों का साथ नहीं छोड़ेगी। सरकार न सिर्फ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, बल्कि अगले लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में भी तीनों दल अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
महाविकास आघाड़ी सरकार भी अपना कार्यकाल पूरा करेगी
आज शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की 22वीं वर्षगांठ थी। इस अवसर पर बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि ऐसा संशय पैदा किया जा रहा है कि महाविकास आघाड़ी सरकार अधिक समय तक नहीं चल पाएगी। लेकिन शिवसेना ऐसा दल है, जिस पर भरोसा किया जा सकता है। बालासाहब ठाकरे ने इंदिरा गांधी के साथ अपने वचन का सम्मान किया था। अब महाविकास आघाड़ी सरकार भी अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले चुनाव में भी तीनों दल मिलकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। माना जा रहा है कि शरद पवार को यह उम्मीद दो दिन पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुछ देर के लिए अकेले हुए मुलाकात के कारण जतानी पड़ रही है। क्योंकि इस मुलाकात के बाद से महाविकास आघाड़ी सरकार के भविष्य को लेकर आशंका जताई जा रही है।
पवार ने आगे कहा कि हमने अलग-अलग विचारधाराओं वाले दलों की सरकार बनाई है। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन शिवसेना के साथ सरकार बनाएंगे। क्योंकि हमने कभी साथ काम नहीं किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद हमारा अनुभव अच्छा है। कोविड महामारी के दौरान हम मिलकर बेहतर काम कर रहे हैं।
बता दें कि शरद पवार को शिवसेना के साथ अपने संबंधों की इतनी दुहाई इसलिए देनी पड़ रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी से कुछ पल के लिए हुई अकेली मुलाकात के बाद जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने तपाक से कहा था कि मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। अगर मैं उनसे अलग से मिला तो इसमें गलत क्या है?
संजय राऊत की पीएम मोदी की तारीफ
उद्धव ने यह भी जोड़ा कि आज हम राजनीतिक तौर पर उनके साथ नहीं हैं। लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि हमारे व्यक्तिगत संबंध भी खत्म हो गए हैं। यही नहीं, अक्सर भाजपा के प्रति अपने तेवर तीखे रखने वाले शिवसेना नेता संजय राऊत भी उद्धव-मोदी की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री की तारीफ में कसीदे काढ़ते दिखाई दे रहे हैं। आज जलगांव में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए राऊत ने कहा कि पिछले सात साल से भाजपा अपनी सफलताओं का श्रेय मोदी को देती आ रही है। निश्चित रूप से आज वह अपनी पार्टी एवं देश के सबसे बड़े नेता हैं। हां, प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे सरकारी कामकाज पर असर पड़ता है।