Move to Jagran APP

Maharashtra: मुंबई में मातोश्री के बाहर पीएमसी बैंक के खाताधारकों का प्रदर्शन, कई हिरासत में

PMC Bank. पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक खाताधारकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके निवास मातोश्री में मुलाकात की।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 03:01 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 03:17 PM (IST)
Maharashtra: मुंबई में मातोश्री के बाहर पीएमसी बैंक के खाताधारकों का प्रदर्शन, कई हिरासत में
Maharashtra: मुंबई में मातोश्री के बाहर पीएमसी बैंक के खाताधारकों का प्रदर्शन, कई हिरासत में

मुंबई, एएनआइ। PMC Bank. महाराष्ट्र में पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक खाताधारकों ने रविवार को मातोश्री के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कई खाताधारकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

loksabha election banner

इस बीच, पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक खाताधारकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके निवास मातोश्री में मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने खाताधारकों की समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।

पीएमसी बैंक के तीन निदेशक गिरफ्तार

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 4355 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) के तीन निदेशकों को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू ने जिन निदेशकों को गिरफ्तार किया है उनमें जगदीश मुखी, मुक्ति बाविसी और तृप्ति बाने शामिल हैं। ये गिरफ्तारियां बैंक द्वारा हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (एचडीआइएल) और उसकी सहयोगी कंपनियों को ऋण सुविधा देने के मामले में गड़बड़ी की गहन जांच के बाद की गई हैं। मुखी 2005 से बैंक के निदेशक और उसकी आडिट कमेटी के सदस्य थे, जबकि बाविसी निदेशक होने के साथ-साथ 2011 से बैंक की लोन और एडवांस कमेटी की सदस्य थीं। तृप्ति बाने 2010 से 2015 के बीच लोन रिकवरी कमेटी की सदस्य थीं। इन तीनों को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

पीएमसी बैंक के प्रवर्तकों की संपत्तियों से होगा ग्राहकों का भुगतान

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में घोटाला करने वाले प्रवर्तकों की संपत्तियां बेचकर ग्राहकों का पैसा जुटाने की संभावना तलाश रही है। इस बारे में वित्त मंत्रालय का आरबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ विमर्श चल रहा है। यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को दी है।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस संभावना पर विमर्श किया जा रहा है कि घोटाला करने वाले प्रवर्तकों की संपत्ति को आरबीआई को सौंप दिया जाए, जो इनकी बिक्री की व्यवस्था करे। हालांकि वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि यह प्रक्रिया कब पूरी होगी और इससे बैंक में पैसा जमाने कराने वाले ग्राहकों को कितनी राशि मिल सकेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई की तरफ से पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिए अधिकतम 50 हजार रपए निकासी की सीमा लागू की गई है। इससे बैंक के 78 फीसद ग्राहक अपने बैंक खाते से पूरी राशि निकाल सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी ग्राहक के घर में शादी हो या स्वास्थ्य के लिए जरूरत हो या कोई और इमरजेंसी हो तो उन्हें एक लाख रपए तक की राशि निकालने की इजाजत दी जा रही है। वित्त मंत्री ने उक्त जवाब पीएमसी बैंक के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के संदर्भ में दिया।

प्रीमियम से भी कम हुआ है भुगतान

जमा राशि के गारंटी बीमा संबंधी नियमों बदलाव के सवाल पर वित्त मंत्री ने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने बताया है कि पहली मई, 2003 से आरबीआई की सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) हर बैंक के सभी ग्राहकों के एक लाख रपए तक की जमा राशि का बीमा करवाती है। इस स्कीम के तहत 92 फीसद तक बैंक खातों का बीमा है। हालांकि राशि के हिसाब से बीमा सिर्फ 28 फीसद का ही है। वित्त वषर्ष 2018-19 में इस स्कीम के तहत वाणिज्यिक बैंकों से 11,190 करो़ड़ रुपये की राशि बतौर प्रीमियम वसूल की गई, जबकि सहकारी बैंकों से 850 करो़ड़ रुपये का प्रीमियम वसूला गया है। अब तक सिर्फ 15 सहकारी बैंकों के संदर्भ में ग्राहकों की राशि उक्त बीमा स्कीम के तहत वापस की गई है और यह राशि सिर्फ 40 करोड़ रुपये है। जाहिर है कि जितना प्रीमियम वसूला जा रहा है उसका बहुत ही कम हिस्सा अब तक ग्राहकों को उनकी जमा राशि के बीमा के तौर पर दिया गया है। दरअसल, यह भुगतान तभी होता है जब बैंक फेल हो जाए या दिवालिया हो जाए। भारत में कोई बड़ा कमर्शियल बैंक हाल के वर्षों में फेल नहीं हुआ है।

महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.