Coronavirus: पुणे में कोरोना से छह और की मौत, जिले में अब तक 24 की गई जान
Coronavirus. महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस से छह और मरीजों की मौत हो गई है। यहां अब तक 24 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
पुणे, प्रेट्र। Coronavirus. महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस से छह और मरीजों की मौत हो गई है। साथ ही, कोरोना के 13 नए मामले आए हैं। जिले में अब तक 210 मामले आए हैं। यहां अब तक 24 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं, प्रदेश में अब तक 81 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद के मुताबिक, बारामती शहर के एक 60 वर्षीय मरीज की बुधवार देर रात राजकीय ससून अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। यह व्यक्ति मधुमेह और पक्षाघात से पीड़ित था। इनके परिवार के चार सदस्यों में कोरोना पाजिटिव पाया गया था।
मेयर मुरलीधर मोहोल ने कहा कि बुधवार देर रात पुणे में एक और व्यक्ति की मौत हो गई। बुधवार को पुणे जिले में कोरोना से 10 लोगों की मौत हो गई थी।
वहीं, मुंबई की धारावी सहित कई झोपड़पट्टियों में कोविड-19 के कम्यूनिटी ट्रांसफर का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है। धारावी एवं पवई की झोपड़पट्टियों में बुधवार को कोरोना पॉजिटिव के दो-दो नए मामले सामने आने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।धारावी एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी है, लेकिन इसके अलावा मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में कई बड़ी झोपड़ पट्टियां हैं। इनमें वरली कोलीवाड़ा, शिवाजी नगर, मानखुर्द, कुर्ला जरीमरी, साकीनाका परेरावाड़ी, बांद्रा (पूर्व) स्थित भारतनगर, मलाडा-मालवणी, केतकीपाड़ा दहिसर एवं पवई स्थित चैतन्यनगर में कोविड-19 के पॉजिटिव मामले सामने आने से ये इलाके हॉटस्पॉट बन चुके हैं। इन्हें सील किया जा चुका है और इन इलाकों में घर-घर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है।
धारावी जैसे इलाकों में अत्यंत संकरी गलियां हैं। वहां हर गली में जाकर लोगों को घरों में रहने की सलाह नहीं दी जा सकती। ऐसे इलाकों में ड्रोन में स्पीकर बांधकर लोगों से घरों में रहने की घोषणा की जा रही है, लेकिन धारावी की समस्या यह है कि यहां दस वर्ग फुट के छोटे से कमरे में आठ-आठ, दस-दस लोग एक साथ रहते हैं और सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते हैं। ऐसे इलाके में लोगों को संक्रमण से बचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। इसके लिए धारावी के समीप राजीव गांधी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 300 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था की गई है। धारावी सहित मुंबई की ज्यादातर झोपड़पट्टियों या बैठी चालों में लोग पतली-पतली गलियों में छोटे-छोटे घरों में रहते हैं।
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