हथियारों की फैक्ट्री लगाना चाहता था तावड़े : सीबीआई
डाॅ. नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर वीरेंद्र तावड़े हथियारों की फैक्टरी लगाने वाला था, यह खुलासा सीबीआई ने किया है।
पुणे। डाॅ. नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर वीरेंद्र तावड़े हथियारों की फैक्टरी लगाने वाला था, यह खुलासा सीबीआई ने किया है।सीबीआई को डाॅ. तावड़े की 16 जून तक हिरासत मिली है। इस दौरान उससे पूछताछ की जा रही है।
सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक डाॅ. वीरेंद्र तावड़े और सारंग अकोलकर के बीच इमेल से बात होती थी। उन्होने हथियारों की छोटी-सी फैक्टरी शुरु करने को लेकर भी बात की थी। तावड़े ने बंदूक और कई हथियार अन्य राज्यों से लाने की सारंग से बात की थी।
सनातन ने आरोपों को किया खारिज
सनातन संस्था ने सीबीआई के इस आरोप को खारिज किया है। डाॅ वीरेंद्र तावड़े को वकील की मदद मिलने की मांग की है। संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने आरोप लगाया है कि, सीबीआई आम आदमी पार्टी की दबाव में गलत जानकारी लोगों के सामने ला रहा है।
ऐसे हुई थी डॉ दाभोलकर की हत्या
अंधविश्वास और अघोरी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुणे के महर्षि विट्ठल रामजी ब्रिज पर 20 अगस्त 2013 को दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में सामने आया कि वारदात से 47 मिनट पहले ही हत्यारे ओंकारेश्वर पुल पर पहुंच चुके थे और महज तीन मिनट में घटना को अंजाम दे फरार हो गए। हत्यारों का पता लगाने में नाकाम रही पुलिस पर सुराग ढूंढने के लिए तांत्रिक की मदद लेने का आरोप भी लगा। डॉ दाभोलकर की हत्या के बाद पूरे महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। डॉ. दाभोलकर ने पुणे में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का गठन किया था। उनकी हत्या के बाद सरकार को अंधविश्वास के खिलाफ कानून बनाने को मजबूर होना पड़ा। हत्या के एक साल बाद अदालत के ऑर्डर पर यह केस सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई इससे पहले भी कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है।