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मोदी कैबिनेट में मंत्री बने रामदास अठावले को है एक्टिंग का शौक

रामदास आठवले को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल गई। एक्टिंग के शौकीन आठवाले ने एक मराठी फिल्म में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का किरदार निभाया है। यह फिल्म जल्द ही रिलीज होने वाली है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2016 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2016 07:19 AM (IST)
मोदी कैबिनेट में मंत्री बने रामदास अठावले को है एक्टिंग का शौक

पुणे। लंबे प्रयास के बाद आखिरकार रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष रामदास आठवले को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल गई। एक्टिंग के शौकीन आठवाले ने एक मराठी फिल्म में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का किरदार निभाया है। यह फिल्म जल्द ही रिलीज होने वाली है।

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मंगलवार को दिल्ली में मोदी कैबिनेट का विस्तार हुआ। इस दौरान रामदास आठवले भी शपथ लेने पहुंचे थे। इस शपथ ग्रहण के दौरान एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली। सांसद रामदास आठवले शपथ लेते हुए अपना नाम लेना ही भूल गए। जब वे बिना अपना नाम लिए ही शपथ लेने लगे, तब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें टोका। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पहले अपना नाम लीजिए। इसके बाद आठवले ने अपनी भूल मानते हुए फिर से नाम के साथ शपथ लेने की शुरुआत की। शपथ पत्र पढ़ने के दौरान रामदास आठवले कई जगहों पर फंसते नजर आए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बीच-बीच में उनके साथ शपथ पढ़कर उनका काम आसान करते दिखे।

क्या खास है इस फिल्म में ...

'कन्या रत्न' नाम की इस मराठी फिल्म में रामदास आठवले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं। शिवाजी दोलताडे के निर्देशन में बन रही यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ है। शूटिंग के दौरान मुख्यमंत्री के गेटअप में आठवले ने फिल्म सिटी में शूट किया था। निर्देशक के मुताबिक एक अनुभवी अभिनेता की तरह आठवले का पहला ही शॉट ओके हो गया। शिवाजी दोलताडे का कहना है कि फिल्म का मकसद जनजागृति फैलाना है। इसके निर्माण से पहले टीम ने महाराष्ट्र के बीस जिलों में गांव-गांव घूम कर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाया था।फिल्म के थीम को सुनकर कई ग्रामीणों ने फिल्म निर्माण के लिए चंदा भी दिया।

बचपन से फिल्मों का शौक

आठवले को फिल्मों का शौक बचपन से ही रहा है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि, उन्हें देशभक्ति की फिल्में और गाने उन्हें सबसे ज्यादा पसंद हैं। फिल्म में एक्टिंग को लेकर रामदास ने कहा था कि, यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ है, इसलिए मैं इसमें एक्टिंग के लिए तैयार हुआ।" "फिल्म में मुख्यमंत्री की भूमिका निभाने को लेकर मैं पहले थोड़ा असहज था, लेकिन कैमरा सामने आने के बाद मैंने झट से शॉट पूरा कर लिया।" आठवले इससे पहले भी मराठी फिल्म 'अन्याय चा प्रतिकार' में एक्टिंग कर चुके हैं। इसके अलावा उन्हें बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन पर बन रही कैलाश मासूम की फिल्म 'गॉडफादर ऑफ इंडिया' में भी रोल ऑफर हुआ है।
- आठवले को कविताएं लिखने और शायरी का भी शौक है।

महाराष्ट्र की राजनीति के सबसे बड़े दलित चेहरे

रामदास आठवले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आठवले ( RPI-A)के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे साल 2004 में पंढरपुर सीट से लोकसभा सांसद रह चुके, साल 2009 में शिर्डी सीट से लोकसभा चुनाव लड़े आठवले हार गए थे। जिसके बाद साल 2014 में उन्हें एनडीए के कोटे से राज्यसभा भेजा गया। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इनकी पार्टी ने एनडीए में शामिल होकर बीजेपी को महाराष्ट्र में बड़ी जीत दिलाई। रामदास आठवले की पार्टी पहले एनसीपी-कांग्रेस के साथ थी। साल 2011 में इन्होंने उनका साथ छोड़ा। आठवले महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े दलित चेहरे हैं। वे अपने दमदार भाषण शैली के लिए जाने जाते हैं। दलित छात्र रोहित विमूल की आत्महत्या के मामले में वह मोदी सरकार की आलोचना भी कर चुके हैं।


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