Move to Jagran APP

बेटे के संरक्षित वीर्य से जुड़वां बच्चों की दादी बनी पुणे की महिला

जर्मनी में प्रथमेश की कीमोथेरेपी से पहले चिकित्सा विशेषज्ञों ने वीर्य संरक्षित करने की सलाह दी थी।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 02:21 PM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 12:14 PM (IST)
बेटे के संरक्षित वीर्य से जुड़वां बच्चों की दादी बनी पुणे की महिला
बेटे के संरक्षित वीर्य से जुड़वां बच्चों की दादी बनी पुणे की महिला

पुणे, प्रेट्र। दो वर्ष पहले कैंसर से बेटे की मौत के बाद पुणे की एक महिला की दुनिया ठहर सी गई थी। लेकिन अब उसकी जिंदगी खुशियों से भर गई है। वह अपने बेटे के संरक्षित वीर्य और सरोगेसी के जरिये जुड़वां बच्चों की दादी बन गई है। पुणे के सहयाद्रि अस्पताल के डॉक्टरों ने कृत्रिम गर्भाधान (आइवीएफ) तकनीक के जरिये राजश्री पाटिल के बेटे प्रथमेश पाटिल के संरक्षित वीर्य से भ्रूण तैयार किया। फिर भ्रूण को सरोगेट मदर के गर्भाशय में पहुंचाया। सरोगेट मदर ने सोमवार को जुड़वां बच्चे-एक लड़का और एक लड़की को जन्म दिया। राजश्री पाटिल ने बताया कि 2010 में उनका बेटा मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए जर्मनी गया था। वहां उसे ब्रेन ट्यूमर होने का पता चला। जर्मनी में प्रथमेश की कीमोथेरेपी से पहले चिकित्सा विशेषज्ञों ने वीर्य संरक्षित करने की सलाह दी थी।

prime article banner

कैंसर चौथे चरण में पहुंच जाने के बाद प्रथमेश को 2013 में भारत लाया गया और मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन 2016 में उसकी मौत हो गई। इसके बाद राजश्री ने बेटे को वापस पाने के लिए जर्मनी के वीर्य बैंक से संपर्क किया जहां प्रथमेश का वीर्य संरक्षित था। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वीर्य को भारत लाया गया। फिर  राजश्री ने बेटे के वीर्य के इस्तेमाल से आइवीएफ के लिए सहयाद्रि अस्पताल से संपर्क किया। 

यह भी पढ़ें: अक्षय की पैडमैन गांव की महिलाओं को समर्पित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.