जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में बेग की फांसी माफी के खिलाफ सुको पहुंची सरकार
साल 2010 में पुणे में हुए जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है।
पुणे। साल 2010 में पुणे में हुए जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है। इससे पहले मिर्जा हिमायत बेग को आतंकवादी गतिविधियों के तहत दोषी मानते हुए विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसे बरी कर दिया था। हालांकि उसे गैर कानूनी गतिविधियों और विस्फोटक रखने के लिए एक्सप्लोसिव सब्सटांस एक्ट के तहत दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील किया है।
बेग को 2013 में पुणे की सेशंस कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। इस फैसले को बेग ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जेल में बेग पर एक बार जानलेवा हमला भी हुआ था।
क्या है जर्मन बेकरी ब्लास्ट केस?
13 फरवरी 2010 को पुणे की जर्मन बेकरी में ब्लास्ट हुआ था। इसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 60 लोग घायल हुए थे। मारे गए लोगों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल थे।