पुणे हिंसाः सड़क से संसद तक हंगामा, वाहनों में तोड़फोड़; उपद्रव
सैकड़ों प्रदर्शनकारी मुंबई की सड़कों पर उतर आए। बसें व लोकल ट्रेनें रोक दी गईं, जगह-जगह चक्का जाम किया गया।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारिपा बहुजन महासंघ के प्रमुख व दलित नेता प्रकाश अंबेडकर द्वारा बुधवार को बुलाए गए महाराष्ट्र बंद के दौरान भारी हिंसा और बवाल मचा। राज्य के 18 जिलों के कई शहरों व कस्बों में सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में तोड़फोड़, पथराव व आगजनी करते हुए विरोध जताया। संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने हिंसा के लिए भाजपा सरकार व संघ पर आरोप लगाया। जवाब में सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व कांग्रेस पर मुद्दे को भड़काने का दोष मढ़ा। करीब 10 घंटे बाद प्रकाश आंबेडकर ने आंदोलन सफल रहने का दावा करते हुए इसे वापस ले लिया।
मुंबई में जनजीवन ठप
महाराष्ट्र में पुणे हिंसा के भीमा-कोरेगांव में मनाए गए शौर्य दिवस पर श्रद्धांजलि सभा के बाद भड़की हिंसा के विरोध में बुधवार को बंद आहूत किया गया था। सुबह से सैकड़ों प्रदर्शनकारी मुंबई की सड़कों पर उतर आए। बसें व लोकल ट्रेनें रोक दी गईं, जगह-जगह चक्का जाम किया गया। कुछेक जगह पथराव भी हुआ। इससे मुंबई में जनजीवन ठप हो गया। इसी दौरान वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर जाम का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। चूंकि अधिकांश प्रतिष्ठान व दुकान-दफ्तर बंद रहे इसलिए 'डब्बावाला' ने टिफिन सेवा स्थगित रखी। सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित नहीं की, लेकिन 40 हजार से ज्यादा स्कूल बसों के ऑपरेटरों के संगठनों ने बसें चलाने से इनकार कर दिया। इस वजह से बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे। मुंबई पुलिस ने हिंसा व उपद्रव के 9 केस दर्ज किए हैं। 100 से ज्यादा को हिरासत में लिया गया है।
सफल रहा आंदोलन:
बाबा साहब अंबेडकर के भतीजे प्रकाश अंबेडकर ने दिनभर उपद्रव के बाद शाम करीब 4 बजे आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। दलित नेता ने मांग की कि भीमा-कोरेगांव में हिंसा फैलाने व एक युवक की मौत के मामले में शिवाजी प्रतिष्ठान के संभाजी भि़ड़ गुरजी व हिंदू जनजागृति समिति के मिलिंद एकबोते को गिरफ्तार कर उन पर हत्या का केस चलाया जाए। उन्हें 1993 के मुंबई बम धमाके के आरोपी याकूब मेमन की तरह फांसी की सजा सुनाई जाए।
पीएम के मौन पर लोस में खडगे ने उठाया सवाल
महाराष्ट्र हिंसा का मामला कांग्रेस ने लोकसभा में उठाया। मल्लिकार्जुन खडगे ने इसके लिए संघ को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि दलितों के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा चुप्पी साध लेते हैं। उन्हें 'मौनी बाबा' करार देते हुए खडगे ने उनके बयान की भी मांग की।
आग भड़काना चाहती है कांग्रेस :
अनंत कुमार खडगे के आरोप का जवाब संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज को तोड़ने का काम कर रही है। वह मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। हाल में कई राज्यों में अपनी पराजय से हताश कांग्रेस इसका सियासी फायदा लेना चाहती है। कांग्रेस, खडगे और राहुल गांधी आग बुझाने की बजाय आग भड़काना चाहते हैं। स्पीकर ने आरोपों की इजाजत नहीं दी थी सदन में महाराष्ट्र हिंसा का मामला उठाने की इजाजत देते हुए स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से कहा था कि वे हालात बिगड़ ऐसे बयान न दें, न ही आरोप लगाएं। स्पीकर ने कहा कि हम जनप्रतिनिधि हैं और हमारा दायित्व देश की रक्षा है। हमें एकजुट होकर विभिन्न समस्याओं का हल निकालना है। आरोप-प्रत्यारोप से चुनौतियों का हल नहीं निकलेगा।
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