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Bhima Koregaon violence case: पुलिस ने मिलिंद एकबोटे व संभाजी भिडे सहित 163 लोगों को भेजा नोटिस

Bhima Koregaon violence case पुणे ग्रामीण पुलिस ने एक जनवरी को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे सहित 163 लोगों को नोटिस जारी किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 01:51 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 01:51 PM (IST)
Bhima Koregaon violence case: पुलिस ने मिलिंद एकबोटे व संभाजी भिडे सहित 163 लोगों को भेजा नोटिस
Bhima Koregaon violence case: पुलिस ने मिलिंद एकबोटे व संभाजी भिडे सहित 163 लोगों को भेजा नोटिस

पुणे, एएनआइ। Bhima Koregaon violence case: पुणे ग्रामीण पुलिस ने एक जनवरी को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे सहित 163 लोगों को नोटिस जारी किया है। मालूम हो एक जनवरी को कोरेगांव भीमा लड़ाई की 202वीं वर्षगांठ और भीमा कोरेगांव मामले की दूसरी वर्षगांठ है। इसके मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है।

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जानकारी के अनुसार पुणे पुलिस ने एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा युद्ध की 202वीं सालगिरह से पहले दक्षिणपंथी नेताओं मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे समेत करीब 160 लोगों को नोटिस जारी किया है। एकबोटे को पिछले साल एक जनवरी को कोरेगांव भीमा युद्ध के 200 साल पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम में कोरेगांव भीमा गांव में लोगों को उकसाने और हिंसा भड़काने के सिलसिले में मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। भिडे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया और प्राथमिकी में उनका नाम दर्ज है।

अब तक भिडे और एकबोटे समेत 163 लोगों को नोटिस जारी किए हैं और जिले में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये नोटिस हर उस व्यक्ति को जारी किए गए हैं जिनके खिलाफ हिंसा के संबंध में मामला दर्ज है। जिला प्रशासन पेरणे गांव के पास जय स्तंभ के इर्द-गिर्द व्यापक बंदोबस्त कर रही है जहां लाखों लोग भीमा कोरेगांव युद्ध की बरसी पर श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल जुटते हैं।

जानें क्या है भीमा कोरेगांव हिंसा

31 दिसंबर, 2017 को भीमा कोरेगांव में पेशवाओं पर महार रेजिमेंट की जीत के 200 साल पूरे हुए थे जिसके उपलक्ष्य में पुणे के शनिवारवाड़ा में यल्गार परिषद ने जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें सुधीर धावले, पूर्व जस्टिस बीजी कोल्से पाटिल के अलावा कई अन्य संगठन दलितों और अल्पसंख्यकों पर मौजूदा सरकार के अत्याचारों का दावा करते हुए एकजुट हुए थे। इस जश्न के अगले ही दिन भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी। इसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी। हिंसा के संबंध में मार्च 2018 में गिरफ्तार किए गए एकबोटे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

भिडे के खिलाफ इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था लेकिन गिरफ्तारी कभी नहीं हुई। कई दलित समूह भीमा कोरेगांव युद्ध की सालगिरह मनाते हैं जिसमें अंग्रेजों ने महाराष्ट्र के पेशवाओं को हराया था। पुणे-अहमदनगर मार्ग पर पेरणे गांव में स्थित स्मारक, अंग्रेजों ने युद्ध में मारे गए सैनिकों की याद में बनवाया था। दलित नेता अंग्रेजों की जीत का जश्न मनाते हैं क्योंकि महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी के बल का हिस्सा थे। पेशवा ब्राह्मण थे और इस जीत को दलितों की दृढ़ता के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।

कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में आरोपी मिलिंद एकबोटे पर आरोप है कि उन्होंने कोरेगांव भीमा में 2018 में हिंसा भड़काई थी। इस मामले में पुणे ग्रामीण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। बाद में पुणे की अदालत ने आरोपी मिलिंद एकबोटे को अप्रैल 2018 में कुछ शर्तों के आधार पर जमानत दे दी थी। जनवरी 2019 में मिलिंद एकबोटे पर लगाई गईं पाबंदिया हटा ली गई थीं।


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