साहित्य पुरस्कार वापसी के संकेत को समझें: सुशील कुमार शिंदे
साहित्यकारों द्वारा सरकार को पुरस्कार लौटाने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि पुरस्कार वापसी के संकेत को समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि साहित्य के माध्यम से देश में क्रांतिकारी कार्य किए गए हैं।
नागपुर। साहित्यकारों द्वारा सरकार को पुरस्कार लौटाने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि पुरस्कार वापसी के संकेत को समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि साहित्य के माध्यम से देश में क्रांतिकारी कार्य किए गए हैं। साहित्यकारों का अपमान ठीक नहीं है। साहित्य पुरस्कार लौटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आए श्री शिंदे पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में धर्मांध शक्ति को स्थान नहीं है।
देश ने धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक व्यवस्था स्वीकार की है। अब धर्मांध शक्तियां सिर उठा रही हैं। इन शक्तियों को सरकार का समर्थन मिल रहा हो, तो उसे जनता सहन नहीं करेगी। देश में जो वातावरण दिखायी? दे रहा है उसका निषेध करने के लिए साहित्यकार पुरस्कार लौटा रहे हैं। बिहार में चुनाव के विषय पर श्री शिंदे ने कहा कि फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।