60 दिन में 90 दिन की पढ़ाई कराने का आदेश वापस
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ ने महाविद्यालयों में 10 सितंबर तक प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की 90 दिन की अनिवार्य कक्षा लेने के आदेश को पलट दिया है। प्राचार्य फोरम ने फैसले का विरोध किया, तब जाकर विद्यापीठ का रवैया नर्म हुआ। अब प्राचार्यों को शपथपत्र में यह लिख कर देना होगा कि आगामी परीक्षा सत्र के पूर्व नए विद्यार्थियों काे पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।
नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ ने महाविद्यालयों में 10 सितंबर तक प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की 90 दिन की अनिवार्य कक्षा लेने के आदेश को पलट दिया है। प्राचार्य फोरम ने फैसले का विरोध किया, तब जाकर विद्यापीठ का रवैया नर्म हुआ। अब प्राचार्यों को शपथपत्र में यह लिख कर देना होगा कि आगामी परीक्षा सत्र के पूर्व नए विद्यार्थियों काे पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।
बता दें कि इसके पहले नागपुर विद्यापीठ ने 2 सितंबर को अधिसूचना जारी कर विद्यार्थियों की 90 दिन की कक्षाएं लेने का शपथपत्र मांगा था। लेकिन प्राचार्य फोरम अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाड़े के नेतृत्व मंे प्राचार्यों ने इस आदेश का पुरजोर विरोध किया था। इसके बाद नागपुर विद्यापीठ ने फैसला बदलने का निर्णय लिया है। जल्द ही नई अधिसूचना भी विद्यापीठ जारी करेगी।
12वीं कक्षा की पूरक परीक्षाओं में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में प्रवेश देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विद्यापीठों को सीटें बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के इस फैसले से विद्यापीठ अनुदान आयोग के उस दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है, जिसमें एक सेमेस्टर में विद्यार्थी की 90 दिन की उपस्थिति अनिवार्य है। विद्यापीठ करीब 15 दिन पूर्व ही शीतकालीन परीक्षा का टाइमटेबल घोषित कर चुकी है। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा 5 नवंबर से शुरू होगी। इसके अनुसार नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की 90 दिन नहीं, बल्कि केवल 60 दिन की कक्षाएं ली जा सकती हैं।
विद्यापीठ ने परिपत्रक जारी कर महाविद्यालयों को अपने यहां 10 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के आदेश जारी किए, लेकिन सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजते समय एक शपथपत्र भी जोड़ने को कहा। इस शपथपत्र में प्राचार्यों को यह लिख कर देना था कि वे हर हाल में नए विद्यार्थियों का 90 दिनों की कक्षाएं पूरी करके देगें। साथ ही यह भी लिख कर देने के लिए कहा गया नए विद्यार्थियों के प्रवेश के बाद उपस्थिति का कोटा पूरा करने के लिए विद्यापीठ से परीक्षा स्थागित करने की मांग नहीं की जाएगी।