कोका-कोला में अब विदर्भ का संतरा भी, किसानों को मिलेगा फायदा: पीएम मोदी
संतरा अब कोका-कोला में इस्तेमाल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में इसका खुलासा किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने एक निर्णय लेकर कोका-कोला से कहा है कि वह अपने ड्रिंक (पेय) में 5 प्रतिशत संतरे का रस इस्तेमाल करें।
नागपुर। विदर्भ का संतरा अब कोका-कोला में इस्तेमाल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में इसका खुलासा किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने एक निर्णय लेकर कोका-कोला से कहा है कि वह अपने ड्रिंक (पेय) में 5 प्रतिशत संतरे का रस इस्तेमाल करें।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने विदर्भ के संतरा उत्पादक किसानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण योजना बनाई है।
- यह योजना शीघ्र ही अमल में लाई जाएगी। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार से करार भी हो चुका है।
- इस कदम से विदर्भ के किसानों को संतरे के व्यापार के लिए एक नया मंच मिल जाएगा।
- उनका संतरा बिकने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। गौरतलब है कि विदर्भ खास तौर पर नागपुर जिला देश का सबसे बड़ा संतरा उत्पादक क्षेत्र है।
- लेकिन संतरे को उचित बाजार न मिलने से कई बार किसानों को अपनी फसल का उचित भाव नहीं मिल पाता है।
विदर्भ की स्थिति
- विदर्भ में 1 लाख 35 हजार हेक्टेयर में उत्पादन
- 4 करोड़ पेड़ हैं संतरे के
- एक पेड़ पर लगते हैं 500 से 1000 संतरे
- फिलहाल निर्यात बंद, वजह, वैक्स मशीन का इस्तेमाल नहीं
- ईरान, मॉरीशस में होता था निर्यात
- अभी पाकिस्तान के संतरे की मांग
- संतरा उत्पादक किसानों की स्थिति दयनीय
- पतंजलि के उद्योग से बड़ी उम्मीदें ।
कांग्रेस को मृत्यु की तरह बदनाम न होने का वरदान है : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को संसद के कामकाज में बाधा डालने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। राज्यसभा में उन्होंने कहा कि संसद के कामकाज में बाधा पहुंचाने के बाद भी कांग्रेस पर आरोप नहीं लगता। उसका नाम इस मामले में नहीं आता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "मृत्यु को एक ऐसा वरदान है कि वह कभी बदनाम नहीं होती। हमेशा मृत्यु के कारण पर आरोप लगता है। कांग्रेस को भी कोई ऐसा ही वरदान मिला है कि वह बदनाम नहीं होती।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आपने मीडिया में देखा होगा।
जब शरद यादव, मायावती या अन्य नेता की बात आती है, तो मीडिया में पार्टी के नाम से कहा जाता है कि बसपा या जदयू पर हमला। लेकिन जब कभी कांग्रेस की बात आती है, तो कहा जाता है कि विपक्ष पर हमला।' प्रधानमंत्री ने विपक्ष खासकर कांग्रेस से जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) विधेयक सहित सभी लंबित विधेयकों को राज्यसभा से पारित करने की अपील की।
कहा, ‘इससे देश को गति मिलेगी।’ मोदी ने कहा, ‘300 संशोधन (राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में) आए हैं। सबका अपना महत्व है। सदस्यों से अपील है कि संशोधन वापस लें।’ गौरतलब है कि मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल सकी थी। इसके कारण जीएसटी सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित पड़े हुए हैं।
मुझे गिराकर संभल सको तो चलो :
प्रधानमंत्री माेदी ने अपने भाषण का अंत निदा फाजली की शायरी से किया। हकीकत में यह कांग्रेस पर निशाना था। शायरी थी-
"सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो।
सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो।
किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं।
तुम अपने आपको खुद ही बदल सको तो चलो।
यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता।
मुझे गिराकर अगर तुम संभल सको तो चलो।
यही है जिंदगी, कुछ ख्वाब, चंद उम्मीदें।
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।''
राज्यसभा में सरकार को झटका, संशोधन के साथ ही पारित हुआ धन्यवाद प्रस्ताव
राज्यसभा में सरकार को झटका लगा है। प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बावजूद विपक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संशोधन प्रस्ताव वापस नहीं लिया। उसे पास करा लिया। दरअसल, पंचायतों में चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी किए जाने की बात राष्ट्रपति के अभिभाषण में थी। वरिष्ठ कांग्रेसी और सदन के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस पर एतराज जताया था। उन्होंने अभिभाषण में संशोधन कर शैक्षणिक योग्यता जरूरी न किए जाने की बात जोड़ने का प्रस्ताव दिया। वोटिंग के दौरान सदन ने इसे 61 के मुकाबले 94 वोटों से मंजूर कर लिया। यह पांचवां मौका है, जब राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव संशोधन के साथ पारित किया गया है।
फिर राहुल पर निशाना
मोदी ने राज्यसभा में भी राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक काम करते हैं, तो दूसरे श्रेय लेते हैं। आप पहली तरह का व्यक्ति बनने का प्रयास करें, क्योंकि इसमें प्रतियोगिता बहुत कम है। ये बात इंदिरा जी ने कही थी।'' दरअसल सरकार की तरफ से ईपीएफ निकासी पर टैक्स की घोषणा को वापस लेने के बाद राहुल ने कहा था कि उनके दबाव में सरकार ने कदम पीछे खींचे हैं।
मनमोहन जितना ज्ञानी नहीं
मोदी ने कहा, "क्यों न 2020 तक किसानों की आय दोगुनी हो? मैं मनमोहन (पूर्व प्रधानमंत्री) जैसा ज्ञानी तो नहीं हूं, लेकिन कुछ चीजें जानता हूं। गरीबों को करीब से देखा है। अगर सही दिशा में चले तो कामयाबी मिलेगी।''