नक्सली समर्थक दिल्ली विवि के प्राध्यापक साईबाबा सेंट्रल जेल से रिहा
नक्सल समर्थक जी एन साईबाबा को नागपुर की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। साईबाबा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि देशद्रोह के आरोप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य को पकड़ा गया था।
नागपुर। नक्सल समर्थक जी एन साईबाबा को नागपुर की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। साईबाबा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि देशद्रोह के आरोप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य को पकड़ा गया था। इसके बारे में उन्हें अभिमान है। दिल्ली वापस जाने के बाद वे कन्हैया व अन्य लोगों से मुलाकात करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को साईबाबा को नागपुर की सेंट्रल जेल से रिहा किया गया।
नक्सली कार्रवाई में मध्यस्थता करने वाले साईबाबा को गड़चिरोली पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। नक्सली आंदोलन के केंद्र बिंदु में रहने वाले जीएन साईबाबा के जेल से बाहर आते ही उनके समर्थकों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक साईबाबा को गड़चिरोली पुलिस ने नक्सल समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कुछ समय तक वे वर्धा की जेल में बंद थे। बाद में उन्हें नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद रखा गया।
साईबाबाने खुले तौर पर छात्र नेता कन्हैया कुमार आैर उमर खालिद का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों और छात्र आंदोलन से जुड़े अन्य विद्यार्थियों पर उन्हें अभिमान है। कन्हैया कुमार, रोहित वेमुला जैसे विद्यार्थी नेता आदिवासी आैर दलित समाज के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे यूपीए सरकार के कार्यकाल में गिरफ्तार किया गया था। एनडीए सरकार ने बाद में जेल में बंद कर दिया। उनका मामला अदालत में अंतिम चरण में है। इसलिए इस पर कुछ नहीं बोलेंगे।