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मनिपाल-टीपीजी ने खरीदी फोर्टिस

यह पूरा सौदा 3,900 करोड़ रुपये का होगा। इस सौदे की बदौलत मनिपाल हॉस्पिटल्स एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी बन जाएगी।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 12:48 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 12:48 PM (IST)
मनिपाल-टीपीजी ने खरीदी फोर्टिस
मनिपाल-टीपीजी ने खरीदी फोर्टिस

मुंबई, प्रेट्र। फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड (एफएचएल) के निदेशक बोर्ड ने अस्पताल कारोबार को मनिपाल हॉस्पिटल्स और टीपीजी कैपिटल के हाथों बेचने का फैसला किया है। मंगलवार को पूरे दिन निदेशक बोर्ड की चली बैठक के बाद देर रात लिए फैसले में एफएचएल ने स्वास्थ्य जांच चेन एसआरएल में अपनी 20 फीसद हिस्सेदारी बिक्री की भी अनुमति दी है। यह पूरा सौदा 3,900 करोड़ रुपये का होगा। इस सौदे की बदौलत मनिपाल हॉस्पिटल्स एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी बन जाएगी।

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एफएचएल ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित सौदे के हिस्से के तौर पर डॉ. रंजन पई और टीपीजी, मनिपाल हॉस्पिटल्स में 3,900 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। मनिपाल हॉस्पिटल्स इस पूंजी का इस्तेमाल एसआरएल में 50.9 फीसी हिस्सेदारी (20 फीसद एफएचएल और 30.9 फीसद अन्य निवेशकों से) के अधिग्रहण में करेगा। मनिपाल हॉस्पिटल्स, मनिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप (एमईएमजी) का हिस्सा है, जिसके मालिक रंजन पई हैं। फोर्टिस हेल्थकेयर के सीईओ भवदीप सिंह ने बुधवार को कहा सौदे के बाद संयुक्त रूप से बनी कंपनी का मूल्य करीब 15,000 करोड़ रुपये होगा।

शेयरधारकों को क्या मिलेगा 

शेयरधारकों को फोर्टिस के हर 100 शेयर के बदले मनिपाल हॉस्पिटल्स के 10.83 शेयर मिलेंगे। फोर्टिस के प्रमोटर बंधुओं मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह डील सभी शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होगा और भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में मददगार साबित होगा। 

सालभर में पूरी होगी डील 

प्रस्तावित लेनदेन के लिए शेयरधारकों, कर्जदाताओं और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, सेबी, शेयर बाजार और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल जैसे नियामकों की मंजूरी की जरूरत होगी।

विवादों के बीच सौदा

मनिपाल-टीपीजी के हाथों फोर्टिस हेल्थकेयर का सौदा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब सिंह बंधु फोर्टिस और रेलिगेयर में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एसएफआइओ की जांच का सामना कर रहे हैं। दोनों भाइयों ने फोर्टिस और रेलिगेयर के निदेशक बोर्ड से पिछले महीने ही इस्तीफा दे दिया था। वर्तमान में फोर्टिस में सिंह बंधुओं की हिस्सेदारी एक फीसद से भी कम रह गई है। हालांकि भवदीप सिंह ने कहा कि एसफआइओ की जांच के नतीजों का इस सौदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 


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