महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला: एसीबी ने अजीत पवार को ठहराया जिम्मेदार
Maharashtra irrigation scam . महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बांबे हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जानकारी दी है कि सिंचाई घोटाले की जांच के बाद अजीत पवार तथा अन्य सरकारी अधिकारियों की भारी चूक सामने आई है।
नागपुर, प्रेट्र। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पूर्व उप मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजीत पवार के बारे में बांबे हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें उच्च न्यायालय को जानकारी दी गई है कि हजारों करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले की जांच के बाद अजीत पवार तथा अन्य सरकारी अधिकारियों की भारी चूक सामने आई है।
एसीबी के महानिदेशक संजय बर्वे ने यह हलफनामा मंगलवार को हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सामाजिक संगठन (एनजीओ) ‘जनमंच’ की ओर से दायर याचिका के जवाब में दाखिल किया। बता दें कि एनजीओ ने अपनी याचिका में विदर्भ और कोंकण सिंचाई विभाग द्वारा शुरू की गई सिंचाई परियोजनाओं में अनियमितता पर चिंता जताई थी।
हलफनामे में जल संसाधन विभाग के अंदर घोटाले को ‘साजिश का एक विचित्र मामला’ बताया गया है, जिसने सरकार से ही धोखाधड़ी की। इसमें कहा गया कि पवार के जल संसाधन विकास मंत्री रहने के दौरान विदर्भ और कोंकण सिंचाई विकास निगम की जहां कई परियोजनाओं में देरी हुई वहीं लागत में वृद्धि के साथ सिंचाई के लक्ष्यों को भी पूरा नहीं किया जा सका।
हलफनामे में कहा गया कि पूछताछ के दौरान पवार ने दावा किया कि उन्होंने सारे निर्णयद सचिव स्तर के अधिकारियों के सुझाव पर लिए थे। एसीबी ने अनियमितता की जांच आगे बढ़ाने और कानून के मुताबिक आपराधिक कार्रवाई करने के लिए बांबे हाई कोर्ट से और वक्त मांगा है।
अजीत पवार के समर्थन में उतरे भुजबल
सिंचाई घोटाले के आरोपों से घिरेअजीत पवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग सबसे पहले विपक्ष के नेता पर की गई कार्रवाई के परिणाम के बारे में पता करते हैं और फिर इसके बाद उसके पीछे पुलिस लगा देते हैं।
भुजबल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने जल्द ही अजीत पवार की गिरफ्तारी की बात कही थी। उन्होंने कहा कि जब पुलिस मामले की जांच कर रही है तो आखिर दानवे पवार की गिरफ्तारी की बात कैसे कर सकते हैं। भुजबल ने कहा, मेरे मामले में भी ऐसा ही हुआ था।
क्या है घोटाला
70 हजार करोड़ रुपये का यह घोटाला कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें शुरू करने में कथित भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं से जुड़ा है। पवार राकांपा के उन मंत्रियों में शामिल रहे हैं, जिनके पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग का प्रभार थे ।