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पानी के लिए सरकार का इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जलसंकट से किसानों को हाे रही परेशानियां हल करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताई। कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के 5 हजार गांवों के लिए सरकार ने इंटीग्रेटेड डेवलपेंट प्लान तैयार किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 May 2016 05:54 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 05:58 AM (IST)
पानी के लिए सरकार का इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान

नागपुरमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जलसंकट से किसानों को हाे रही परेशानियां हल करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताई। कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के 5 हजार गांवों के लिए सरकार ने इंटीग्रेटेड डेवलपेंट प्लान तैयार किया है। इस प्लान के माध्यम से 5 हजार करोड़ का निवेश कर विश्व बैंक राज्य के 5 हजार गांवों के लिए जल संवर्धन एवं जल संग्रहण की व्यवस्था करेगी।

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इसका भरपूर लाभ इन गांवाें के किसानों के साथ ही खारे पानी के पट्टे के लोगाें को भी मिलेगा। मुख्यमंत्री शनिवार को डाॅ. पंजाबराव देशमुख कृषि विवि में कृषि अनुसंधान एवं विकास समिति की तीन दिवसीय परिषद के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।


परिषद की अध्यक्षता राजस्व तथा कृषि मंत्री एकनाथ खडसे ने की। फडणवीस ने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास व किसानाें को संकट से उबारने के लिए शासन योजनाओं का ढांचा खड़ा करेगा। इसमें प्रदेश के चारों कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों को अपना अनुसंधान जोड़ना होगा। इस संयुक्त प्रयास के निश्चित ही बेहतर परिणाम सामने आएंगे।


उन्होंने कहा कि देश का कृषि क्षेत्र फिलहाल जिस संकट के दौर से गुजर रहा है उस संकट से निजात दिलाने में इस संयुक्त कृषि अनुसंधान परिषद की सिफारिशें मदद कर सकती हैं।

बारिश की बूंदें सहेजने से ही होगा किसानाें का विकास:
- मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जब तक बारिश के बहकर जाने वाले जल की बूंद-बूंद को संग्रहित नहीं किया जाता तब तक किसानों का विकास संभव नहीं हो सकता। इसके लिए उन्होंने खेत तालाबों के निर्माण पर जोर दिया।

- प्राकृतिक चक्र को समझते हुए इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए कि बदलते परिवेश में संग्रहित जल का खेती के लिए इस्तेमाल संभव हो सके।

- इजराइल के जैसे देश में नए कृषि अनुसंधानों की सहायता से कृषि क्रांति संभव हुई है। उसी तरह भारत में विशेषकर महाराष्ट्र में इसी स्तर के अनुसंधान होने चाहिए।


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