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गढ़चिरौली में ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच टकराव बढ़ा

दोनों घटनाएं गढ़चिरौली जनपद में ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच बढ़ते टकराव की ओर संकेत कर रही हैं।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 02:31 PM (IST)
गढ़चिरौली में ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच टकराव बढ़ा
गढ़चिरौली में ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच टकराव बढ़ा

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में शुक्रवार रात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर चुके एक नक्सली युवक की जान ले ली। जबकि पिछले सप्ताह इसी जनपद में ग्रामीणों ने नक्सलियों के एक स्मारक को ध्वस्त कर दिया था।

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दोनों घटनाएं गढ़चिरौली जनपद में ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच बढ़ते टकराव की ओर संकेत कर रही हैं। छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश की सीमा से लगा महाराष्ट्र का यह जनपद अब तक नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता रहा है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्योहार गुड़ी पाड़वा के दिन भामरागढ़ तालुका के चार गांवों नेलगुंडा, मिडाडापल्ली, गोनवाड़ा एवं पेनगुंडा के ग्रामीणों ने मिलकर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नक्सल कमांडरों की याद में बनाए गए एक स्मारक को ध्वस्त कर दिया था। कुछ समय पहले तक यही ग्रामीण नक्सलियों को न सिर्फ पनाह देते थे, बल्कि उन्हें राशन-पानी भी उपलब्ध कराते थे।

इस क्षेत्र की धोडराज पुलिस चौकी के प्रभारी शिवराज थाडवे ने बताया कि यह स्मारक इस क्षेत्र में नक्सल प्रभुत्व का प्रतीक था। नक्सली इसी स्थान पर ग्रामीणों को जमा होने का फरमान सुनाते थे। नक्सली इन दिनों ग्रामीणों के प्रत्येक परिवार से पांच-दस किलो चावल जमा कर रहे थे। इससे ग्रामीणों में गुस्सा भड़का और उन्होंने नक्सलियों का स्मारक तोड़ डाला। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हालांकि यह स्मारक मूलत: चार

गांवों के बीच ही स्थित था। लेकिन इसे तोडऩे में आठ-दस गांवों के लोग शामिल थे।

पुलिस अधिकारी इस घटना पर नक्सलियों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद पहले से जता रहे थे। शुक्रवार रात नक्सलियों द्वारा की गई युवक की हत्या एक सप्ताह पहले स्मारक तोडऩे की प्रतिक्रिया है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह घटना नक्सलियों और ग्रामीणों के बीच बढ़ती दूरी का संकेत है।

24 वर्षीय युवक विलास उर्फ तलवारशहा बाबूराव मडावी गढ़चिरौली के कोरची तालुका का निवासी था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वह नक्सलियों की खोब्रामेंडा प्लाटून बी (56) का सदस्य रह चुका है। करीब पांच वर्ष पहले उसने पुलिस के सामने आत्मसर्मपण कर दिया था। विवाह के बाद वह सामान्य जीवन में लौटने की तैयारी कर रहा था। शुक्रवार रात वह धानोरा तहसील के दराची गांव स्थित अपनी ससुराल गया था। जहां नक्सलियों ने जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई है। 


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